पंचायत सरकार भवन नहीं होने से पंचायती राज का सपना नहीं हो रहा साकार

जागरण संवाददाता सुपौल पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एक ही छत के नी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 12:17 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 12:17 AM (IST)
पंचायत सरकार भवन नहीं होने से पंचायती राज का सपना नहीं हो रहा साकार
पंचायत सरकार भवन नहीं होने से पंचायती राज का सपना नहीं हो रहा साकार

जागरण संवाददाता सुपौल: पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधा मिलने का सपना सरकार नहीं हो पा रहा है जबकि पंचायती राज व्यवस्था को लागू हुए करीब 20 वर्ष बीतने को है। इन 20 वर्षों में 20 फीसद पंचायतों में भी पंचायत सरकार भवन का निर्माण संभव नहीं हो पाया है। परिणाम है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को छोटे-छोटे कार्यो के लिए प्रखंड कार्यालय पर ही निर्भर रहना पड़ता है। दरअसल पंचायती राज व्यवस्था एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों की समस्याओं के निदान के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायतों में पंचायत सरकार भवन निर्माण किया जाना था। भवन में आधुनिक सुविधा के तहत पंचायत स्तर पर दी जाने वाली सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की सभी व्यवस्था उपलब्ध कराई जानी थी ताकि पंचायत के लोगों को प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत ना के बराबर पड़े। बावजूद विभाग का यह निर्देश जिले में हवा हवाई रहा। आलम यह है कि यहां 2012 में प्रत्येक पंचायतों में पंचायत पंचायत सरकार भवन निर्माण का जारी किया गया निर्देश के लगभग 9 वर्ष के बाद भी 10त्‍‌न पंचायतों में भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया जिसके कारण मिलने वाली सुविधाओं को लेकर ग्रामीणों की टकटकी आज भी बरकरार है। लोगों के लिए भवन का निर्माण यहां महज एक सपना सा ही बनकर रह गया है।

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33 पंचायत में ही बन पाया है भवन

174 पंचायत वाले इस जिले में अब तक महज 33 पंचायतों में ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य संभव हो पाया है जबकि 23 पंचायतों में यह कार्य प्रगति पर है। दरअसल भवन निर्माण को ले सरकार द्वारा पूर्व में पारित आदेश निर्माण के पथ में रोड़ा अटका रहा था। पंचायत सरकार भवन निर्माण को लेकर सरकार ने पंचायतों को कलस्टर के रूप में विभक्त कर दिया था। एक कलस्टर में छह पंचायतों को शामिल कर प्रत्येक पंचायत के मुख्यालय वाले गांव में निर्माण का निर्देश दे रखा था जिससे मुख्यालय वाले गांव में ही जमीन उपलब्ध कराने की एक बात बनी थी। परिणाम था कि उस गांव में जमीन अगर उपलब्ध नहीं हो पाती थी तो निर्माण कार्य संभव नहीं हो पाता था। परंतु सरकार ने अब इस बाध्यता को समाप्त कर दी है। नए प्रावधान के मुताबिक कलस्टर में शामिल पंचायत अंतर्गत किसी भी गांव में जमीन उपलब्ध हो जाने पर वहां निर्माण कार्य कराया जा सकता है बावजूद पंचायत सरकार भवन निर्माण को ले जो गति मिलनी चाहिए थी वह अब तक नहीं मिल पाई है और जिले में महज 33 पंचायत के लोगों को ही पंचायत सरकार भवन की सुविधा मिल पा रही है।

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पिछले वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को अब तक नहीं किया जा सका पूरा

पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्यों में बदलाव किए जाने के बाद भी इसमें कोई खास प्रगति नहीं देखी जा रही है। वित्तीय वर्ष 20-20 व 20-21 में जिले को 31 पंचायत सरकार भवन निर्माण करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसके विरुद्ध् 21 पंचायतों में ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो सका। शेष पंचायतों में अब तक निर्माण के नाम पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है। हालांकि जहां निर्माण कार्य शुरू भी किया गया तो वह अब तक पूरा नहीं हो पाया है। लक्ष्य के अनुरूप कार्य प्रारंभ नहीं होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण जमीन का उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है। विभाग की माने तो पंचायत सरकार भवन निर्माण को लेकर करीब 18 कट्ठा जमीन की आवश्यकता होती है। परंतु गांव में इतनी जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण लक्ष्य के अनुरूप निर्माण कार्य नहीं हो पाया है।

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कोट-

पंचायत सरकार भवन निर्माण को लेकर नियमों में ढील दिए जाने के बाद तेजी आई है परंतु अब भी कई पंचायतों में जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण निर्माण पर ग्रहण लगा हुआ है बावजूद विभाग जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में तत्पर है।

- संतोष कुमार जिला पंचायती राज पदाधिकारी

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