अपराधी और माफिया के चंगुल में फंसा है बिहार: पप्पू

जागरण संवाददाता सुपौल आज पूरा बिहार अपराधी और माफियाओं के चंगुल में फंसा है। सुपौल ि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:56 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 11:56 PM (IST)
अपराधी और माफिया के चंगुल में फंसा है बिहार: पप्पू
अपराधी और माफिया के चंगुल में फंसा है बिहार: पप्पू

जागरण संवाददाता, सुपौल: आज पूरा बिहार अपराधी और माफियाओं के चंगुल में फंसा है। सुपौल जिले का भी तीन हिस्सा इनके चंगुल में है। हाल के दिनों में यहां करीब आधे दर्जन लोगों की हत्या हुई है। अपराधियों को दबोचने की बात तो दूर उनके नेटवर्क तक को भी पुलिस खंगालने में विफल रही है। यह स्थिति तब है जब इसी जिले से गृह मंत्री समेत दो दो मंत्री यहीं से हैं। खाद के लिए किसान परेशान हैं । एक बोरी खाद के लिए किसान दिनभर कतार में लगे रहते हैं। ऊपर से उन्हें लाठी तक खानी पड़ती है आखिर कहां है सरकार और विपक्ष। उक्त बातें जाप सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान जाप नेता दिलखुश ठाकुर केआवास पर कही। वे एक पेशी के दौरान न्यायालय सुपौल आए थे। कहा कि आज संपूर्ण बिहार अपराधी और माफियाओं के चंगुल में फंसा है। स्थिति तो यहां तक पहुंच चुकी है कि नेताओं की गाड़ी में शराब माफिया, बालू माफिया जमीन माफिया टेंडर घोटाला माफिया बैठते हैं। क्या नेताओं को इस अपराधियों के बदौलत ही वोट मिलता है । क्या आज अपराधियों की बदौलत ही लोग जनप्रतिनिधि बनते हैं। आखिर अपराधियों को समाज शरण क्यों दे रहा है। दो तीन महीनों के अंदर जिले में छह लोगों की हत्या कर दी गई है। तीन लोगों की हत्या कर लाश को सड़क पर फेंक दिया गया। मुजफ्फरपुर से अररिया फारबिसगंज सुपौल का बार्डर इलाकों पर अपराधी और माफिया का कब्जा हो चुका है। इन पथ पर मानव तस्करी से लेकर मादक पदार्थों का कारोबार धड़ल्ले से किया जाता है। एक्साइज, खनन, परिवहन आदि विभाग का सभी काम पुलिस से करवाया जाता है। क्योंकि पुलिस के माध्यम से पैसा वसूली की जाती है। जब पुलिस पर ही सब काम छोड़ दिया गया है तो फिर आम आदमी की सुरक्षा कैसे हो पाएगी। आज स्थिति ऐसी है कि शराब पीने वाले की पुलिस को खबर रहती है लेकिन शराब की बडी बडी खेप पहुंच कर उसकी बिक्री भी हो जाती है लेकिन इसका पता उन्हें नहीं चल पाता। जिले में अपराधियों का बोल बाला हो चुका है ।आखिर कब तक एक मां अपने बच्चे को खोती रहेगी। कब तक अपराधी आम लोगों के लिए नासूर बना रहेगा। आखिर कब तक सरकार और प्रशासन मौन रहेगी। सदन में एक भी दिन गरीबी और अपराध पर बहस नहीं हो पाई। पिछले दिनों दवा व्यवसाई के पुत्र अभिषेक की हत्या समझ से परे है । इसके अलावा हत्या की अन्य घटनाओं में भी अपराधियों की गिरफ्तारी तक नहीं हो पाई है। खाद की कमी से पूरे बिहार की खेती प्रभावित हो चुकी है। खाद को लेकर किसान लगातार हंगामा कर रहे हैं। सरकार खाद के बदले उन पर लाठी चार्ज करवा रही है । एक तरफ किसान खाद के लिए दर दर भटक रहे हैं तो वहीं एक भी विपक्ष और नेता सड़क पर नहीं हैं। किसानों को मांग के अनुरूप खाद नहीं मिल रही है और दूसरी तरफ गुणवत्ता विहीन खाद अधिक कीमतों में बेची जा रही है । 15 दिनों के भीतर जुताई और बुआई समाप्त हो जाएगी। यदि खाद नहीं मिला तो यहां के किसान मर जाएंगे। कहा कि राज्य में अब तक ना ही फर्जी नर्सिंग होम बंद हुए हैं ना ही फर्जी डाक्टरों का सर्टिफिकेट ही रद्द हुआ है । इसी का परिणाम है कि मुजफ्फरपुर की घटना जहां 64 लोगों को अपनी आंख गंवानी पड़ी है। सरकार इन पीड़ित परिवारों को चार चार लाख रुपया मुआवजा देने के साथ सारी घटना की उच्च स्तरीय जांच करे, प्रबंधक को अविलंब जेल भेजा जाए साथ ही हाल के दिनों में सुपौल में घटी हत्या की घटना में अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार करे। मौके पर जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष नंद कुमार चौधरी, दिल खुश ठाकुर समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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