हौसले को सलाम::::: बाधाएं आईं पर फर्ज की राह से अलग नहीं हुए राजकुमार
जागरण संवाददाता सुपौल कोरोना वायरस ने देश के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है और कोर
जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना वायरस ने देश के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है और कोरोना योद्धाओं ने इन चुनौतियों से लड़ने का एक तरह से बीड़ा उठा लिया है। सदर अस्पताल में पदस्थापित लैब टेक्नीशियन राजकुमार निरूपम भी एक ऐसे योद्धा हैं, जो इस कठिन दौर में मुश्किल हालातों का सामना करते हुए लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वे फिलहाल ट्रू नेट लैब में काम करते हैं और कोविड वार्ड से सैंपल लाने की ड्यूटी भी उन्हीं की है। स्टाफ की कमी की स्थिति में वे एंटीजन लैब का भी काम देखते हैं। कोरोना की पहली लहर में तो वे क्षेत्र में जांच के लिए भी जाते थे। इस दौरान उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बावजूद फर्ज की राह से अलग नहीं हुए। राजकुमार भावुक होते कहा कि कोरोना जांच की बात जब दोस्तों को लगी तो वे लोग मुझसे अलग हो गए। बच्चे को कोई शिक्षक पढ़ाना नहीं चाहते थे। समाज में जहां जाते थे वहां लोग दूरी बना लेते थे। बावजूद अपने फर्ज से डिगा नहीं। मां और पत्नी ने हौसला बढ़ाया। कहा कि सबसे पहले कोरोना के डर को दर किनार किया और बिना किसी की परवाह किए काम करना शुरु किया। प्रतिकूल परिस्थितियों में बड़ी हिम्मत की जरूरत होती है। इस संक्रमण काल में यदि आप हौसला बुलंद रखते हैं तो कोई भी बाधा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है। कहा कि लैब टेक्नीशियन का काम सबसे अधिक जिम्मेदारी का काम है। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। ऐसे में ड्यूटी के दौरान लगातार सजग रहना पड़ता है। मैं इस महामारी के खिलाफ जो अपना योगदान दे सकता था वह दे रहा हूं। जिस तरह हम सब मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं निश्चित तौर पर देश जीतेगा और कोरोना हारेगा। कोरोना की जंग में राजकुमार जैसे कोरोना योद्धा समर्पण के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं।