वायरल फीवर का जारी है कहर, बच्चों पर असर

------------------------------------- जागरण संवाददाता सुपौल कोरोना के बाद सुपौल जिले में

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 12:26 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 12:26 AM (IST)
वायरल फीवर का जारी है कहर, बच्चों पर असर
वायरल फीवर का जारी है कहर, बच्चों पर असर

------------------------------------- जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना के बाद सुपौल जिले में वायरल फीवर ने लोगों पर कहर बरपाना शुरु कर दिया है। खासकर बच्चे वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं, जिससे काफी परेशानी बढ़ गई है। पिछले दस दिनों में वायरल फीवर से ग्रसित होने वाले बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। मालूम हो कि मौसम में आये बदलाव के कारण बच्चे वायरल फीवर के कारण ग्रसित हो रहे हैं। कभी तेज धूप से गर्मी तो कभी बारिश की वजह से वातावरण में नमी बनी रहती है। मौसम में हो रहे परिवर्तन के चलते लोग खासकर छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। मौसम परिवर्तन के कारण बच्चे सर्दी, खांसी व बुखार की चपेट में आ रहे हैं।

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इमरजेंसी में कराना पड़ रहा है भर्ती

वायरल फीवर का आलम यह है कि फीवर से ग्रस्त कई बच्चे को अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ रहा है। रविवार को वायरल फीवर से ग्रस्त कई बच्चे इमरजेंसी में तैनात डाक्टर के पास देखने को मिले। वायरल फीवर का शिकार बच्चों के होने का आलम यह है कि मौजूदा समय में सदर अस्पताल के शिशु रोग ओपीडी में बीमार पड़ने वाले बच्चों की संख्या अच्छी-खासी रहती है। इन बच्चों में अधिकतर वायरल बीमारी यानि सर्दी, खांसी व बुखार से संबंधित रहते हैं। दरअसल उमस, गर्मी व बारिश से इस मौसम में शरीर पर किसी भी वाह्य रोग का असर जल्दी होता है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण मानव शरीर प्रतिरक्षी तंत्री कमजोर पड़ जाती है और शरीर जल्दी वायरस के संक्रमण में आ जाता है।

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रहें सावधान

इस बार वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में अधिक वृद्धि देखने को मिल रही है। बच्चों के माता-पिता को इन दिनों खास ध्यान देने की जरुरत है। बच्चे जब भी घर से निकलें तो मास्क पहन कर निकलें और जब भी घर आए तो अपने हाथ साबुन से जरूर धोएं। बच्चों के खान-पान को ले सावधानी बरतें। ताकि बच्चे वायरल इंफेक्शन की चपेट में आने से बच सके।

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केस स्टडी-1

सदर थाना के इटहरी गांव निवासी अब्दुल हन्नान के 6 वर्षीय ओसी अहमद को शनिवार को फीवर हुआ। घर वालों ने दवा दी और फिर फीवर उतर गया, लेकिन रात में फिर से तेज फीवर आया। फिर घर वालों ने दवा दी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। जिसके बाद घर वाले उसे सुबह सदर अस्पताल लाया जहां उसे भर्ती करना पड़ा।

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केस स्टडी-2

जिला मुख्यालय के वार्ड नं.-18 निवासी मो.निशारूल की डेढ़ साल की बेटी उमेरा को शनिवार की शाम तेज बुखार आया। परिवार वाले दवा लाकर दिया, लेकिन उस दवा का बुखार पर कोई असर नहीं हुआ। तत्पश्चात पानी की पट्टी दी गई बावजूद बुखार कम नहीं हुआ। अंतत: उसे सुबह सदर अस्पताल लाना पड़ा।

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केस स्टडी-3

जिला मुख्यालय के वार्ड नं.-18 निवासी मो.मुमताज के 10 वर्षीय पुत्र आयान को तेज बुखार आया। दवा दी गई, लेकिन बुखार पर उस दवा का कोई असर नहीं हुआ और अंतत: सुबह उसे सदर अस्पताल लाना पड़ा।

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कहते हैं डाक्टर

इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा.चंदन कुमार का कहना है कि वायरल फीवर के काफी मरीज आ रहे हैं, खासकर बच्चा मरीज की संख्या अधिक है। पांच-सात साल के बच्चों में बखार के साथ-साथ चमकी की भी शिकायत मिल रही है। इसके अलावा चेस्ट इंफेक्शन भी देखा जा रहा है।

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