छातापुर की मुख्य सड़क पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

संवाद सूत्र छातापुर (सुपौल) प्रखंड मुख्यालय में अतिक्रमण की समस्या सुरसा के मुंह की तरह फै

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 11:23 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 11:25 PM (IST)
छातापुर की मुख्य सड़क पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा
छातापुर की मुख्य सड़क पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

संवाद सूत्र, छातापुर (सुपौल) : प्रखंड मुख्यालय में अतिक्रमण की समस्या सुरसा के मुंह की तरह फैलती जा रही है। पेट्रोल पंप से लेकर राजवाड़ा पुल के बीच तकरीबन तीन किलोमीटर तक एसएच 91 का दोनों किनारा अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह है कि अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है व प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। मुख्यालय की इस मुख्य सड़क पर अतिक्रमणकारियों का साम्राज्य है और खामियाजा स्थानीय लोगों के अलावा राहगीर व वाहन चालकों को भी भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नहीं बीच सड़क पर ही हाट व गुदरी की दुकानें सजती हैं। नतीजा है कि सड़क पर भीड़-भाड़ के कारण कई दुर्घटनाएं घटित हो चुकी हैं। ग्रामीण पक्की सड़कों में बस्तियों के बीच का दोनों किनारा भी अतिक्रमण की चपेट में आता जा रहा है। हालांकि अतिक्रमण मुक्ति को लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर कई बार प्रयास किया गया लेकिन पर्याप्त तैयारी नहीं रहने के कारण सभी प्रयास अब तक बेकार ही साबित हुए हैं। ----------------------------------------------

अनाधिकृत स्थल पर संचालित है हाट

प्रशासनिक उदासीनता की बात करें तो मुख्यालय में अवस्थित हाट व गुदरी की जमीन कई दशक से पूर्ण रूपेण अतिक्रमणकारियों की चपेट में है। जिसके परिणाम स्वरूप हाट व गुदरी की दुकानें एसएच 91 पर ही सजती हैं। मुख्यालय वासियों की मानें तो प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा हाट व गुदरी की बंदोबस्ती के लिए निविदा निकाली जाती है और सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है परंतु जिस खाता-खेसरा की जमीन के आधार पर बंदोबस्ती की जाती है, वहां हाट व गुदरी नहीं लगवाई जाती है। ठीक यही स्थिति बस पड़ाव की भी है। बंदोबस्ती डाक बंगला की जमीन के आधार पर होता है और बस पड़ाव अनाधिकृत स्थल पर संचालित किया जा रहा है। अतिक्रमण के मामले हो या अनाधिकृत स्थल पर हाट, गुदरी या बस पड़ाव संचालित रहने की, प्रशासनिक महकमा पूरी तरह कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ है। जबकि हाट व गुदरी तथा बस पड़ाव संचालन के लिए सरकारी स्तर से पर्याप्त जमीन मुख्यालय में उपलब्ध है।

----------------------------------------------- अतिक्रमण के मकड़जाल में बाजार

प्रशासनिक उदासीनता के कारण ही बाजार में अतिक्रमण का दायरा बेरोक-टोक बढ़ता जा रहा है। जैसे-जैसे अतिक्रमण का दायरा बढ़ता है, जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को भी होती है। लेकिन स्थिति सब कुछ देख और समझ कर भी नजरंदाज करने वाली होती है। जिसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है । लोगों की मानें तो प्रशासनिक शिथिलता से उपज रहा अतिक्रमण भविष्य में पुलिस व प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। मुख्य सड़क एसएच 91 पर मुख्यालय में तकरीबन तीन किलोमीटर तक अतिक्रमण का साम्राज्य कायम हो गया है। अब तो सरकारी दफ्तर व आवास के सामने की खाली जमीन भी अतिक्रमणकारियों के निशाने पर है। जहां लगातार बेरोक-टोक सरकारी जमीन को अतिक्रमित करने का सिलसिला जारी है। खास तौर पर बस पड़ाव, प्रखंड कार्यालय परिसर व आवास के आसपास का इलाका। मुख्य बाजार में अतिक्रमण अब नासूर बनता जा रहा है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि अतिक्रमणकारी खुलेआम सरकारी जमीन में दर्जनों ट्रैक्टर मिट्टी गिरा कर लंबे-चौड़े कच्चे घरों का निर्माण करा रहे हैं और इन दुकानों में विभिन्न प्रकार के व्यवसाय भी स्थापित किए जा रहे हैं।

chat bot
आपका साथी