शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चे भी समाज एवं देश की मजबूती में दे रहे अपना बेहतर योगदान

जागरण संवाददाता सुपौल विश्व दिव्यांग दिवस पर बिहार शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में शुक्रवार

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:51 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 11:51 PM (IST)
शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चे भी समाज एवं देश की मजबूती में दे रहे अपना बेहतर योगदान
शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चे भी समाज एवं देश की मजबूती में दे रहे अपना बेहतर योगदान

जागरण संवाददाता, सुपौल: विश्व दिव्यांग दिवस पर बिहार शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में शुक्रवार को मुख्यालय स्थित स्टेडियम में जिले के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाले निशक्त बच्चों के बीच जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा सुभाष कुमार, साक्षरता डीपीओ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया । उद्घाटन पश्चात जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब बच्चों का दिव्यांग होना एक अभिशाप माना जाता था। परंतु अब वैसी बात नहीं रही। शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चे भी समाज एवं देश की मजबूती में अपना बेहतर योगदान दे रहे हैं। ऐसे बच्चे अपने मेहनत के बल समाज को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं । कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने दिव्यांगता को धता बताते हुए उच्च पदों पर आसीन होकर समाज व देश की सेवा कर रहे हैं। सरकार ने भी समाज में ऐसे लोगों के लिए कई सुविधा प्रदान कर रखी है। बोले कि समाज में पल बढ रहे बच्चों को दिव्यांग अभिशाप लगे वह भी समाज में सम्मान पूर्वक जी सके इसलिए पूरे विश्व में आज के दिन विश्व दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाता है। दिव्यांग बच्चे व उनके अभिभावकों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने समारोह स्थल पर एक अलग टेबल लगाकर उनकी शिकायतों को दर्ज कर समर्पित करने का आदेश दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि आम जनता में भी दिव्यांग के प्रति जागरूकता का माहौल बना है। समाज में उनके आत्मसम्मान ,प्रतिभा ,विकास, शिक्षा ,सेहत और अधिकारों को सुधारने के लिए और उनकी सहायता के लिए एक साथ होने की जरूरत है। कहा कि विकलांगता एक ऐसी परिस्थिति है जिन्हें हम चाहकर पीछा नहीं छुड़ा सकते। एक आदमी छोटी-छोटी बातों पर झुंझला उठता है तो जरा सोचिए कि उस बदकिस्मत लोगों को जिनका खुद का शरीर उनका साथ छोड़ देता है फिर भी जीना कैसे है कोई इससे सीखे । सरकार ने भी ऐसे बच्चों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई तरह की सुविधा दे रखी है । शिक्षा विभाग द्वारा भी इन बच्चों के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित हो रही है जिनसे लाभ उठाकर विकलांगता कमजोरी नहीं बल्कि उनकी ताकत बन सके। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे दिव्यांग बच्चों के बीच जलेबी दौड़ ,गणित दौड़, गायन ,चित्रकला ,म्यूजिकल चेयर आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तत्पश्चात प्रतिभागियों में सम्मिलित सभी दिव्यांग बच्चों के बीच जिला प्रशासन एवं सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से स्वेटर का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मनीष कुमार, प्रशांत कुमार, अंजनी कुमार, जगदेव साह आदि का योगदान सराहनीय रहा।

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