कार्यशाला के आयोजन से शिक्षकों में जगता है कौशल का विकास

बेपटरी नहीं हो समाज इसके लिए सुपौल जिले के सरायगढ़-भपटियाही के पिपराखुर्द निवासी देव सुंदर शर्मा 65 वर्ष की उम्र में भी आवाज लगा रहे हैं। वे 2012 में रेलवे से सेवानिवृत्त हुए। नौकरी के समय से ही उनके मन में समाज को आगे बढ़ाने की ललक थी। जैसे ही सेवानिवृत्त हुए कि गांव आकर सबसे पहले शिक्षा दान देने की शुरुआत की। गांव में गरीब तथा महादलित वर्ग के छात्र-छात्राओं की खोज करना तथा उसको शिक्षा से जोड़ना उनका मुख्य लक्ष्य है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 05:05 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 05:05 PM (IST)
कार्यशाला के आयोजन से शिक्षकों में जगता है कौशल का विकास
कार्यशाला के आयोजन से शिक्षकों में जगता है कौशल का विकास

संवाद सूत्र, छातापुर(सुपौल): प्रखंड के मध्य विद्यालय जीवछपुर संकुल द्वारा प्राथमिक विद्यालय भीमपुर नया में माह जनवरी के प्रथम कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रधानाध्यापक कुमार नीलोत्पल ने उपस्थित शिक्षकों के बीच पाठ टीका, रुटीन का पालन, रेमिडियल कक्षा पर विस्तार से चर्चा किया। संकुल समन्वयक राजेश कुमार मुखिया ने शिक्षकों को समय से विद्यालय आने, मुहिम पंजी का संधारण पर विशेष फोकस किया। शिक्षक नरेश कुमार निराला ने घंटी के अनुसार पढ़ाई, जल-जीवन-हरियाली से होने वाले लाभ, सप्ताह में एक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, जोर जोर से पढ़ने की कौशल विकसित करने की जानकारी दी। शिक्षक नरेश कुमार मंडल ने कहा कि शिक्षकों को कर्तव्य निष्ठ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यशाला का आयोजन होने से विद्यालय में हो रही कठिनाईयों को निदान करने का अवसर मिलता है। शिक्षकों ने विद्यालय को सुव्यवस्थित देखकर प्रधानाध्यापक व शिक्षक की जमकर प्रशंसा की। जगदीश मुखिया ने पठन-पाठन के सुधार हेतु अपने विचार रखे। श्याम कुमार मेहता ने पाठ्यक्रम को तय समय सीमा में संपन्न करने व मासिक मूल्यांकन को प्रत्येक विद्यालय में लागू करने की बात कही। संतोष कुमार भगत ने कहा कि चेतना सत्र विद्यालय की आत्मा होती है। जिस विद्यालय में चेतना सत्र नियमानुसार होती है वहां की पढ़ाई के साथ सारी व्यवस्था अनुकूल मिलती है। शिक्षक महामाया प्रसाद ने कहा कि कार्यशाला में किये गये क्रियाओं द्वारा कौशल का विकास होता है। कार्यशाला को प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश बहरदार, अरुण कुमार मेहता, शमीम अहमद, अब्दुल हक़ीम, आशीष कुमार सोनू, निरंजन कुमार, मु. अमजद अहमद, मु. अरबा•ा आलम, मु. रुस्तम अली, सत्येंद्र कुमार मुखिया, राजेश कुमार मेहता, पूनम कुमारी, आरती कुमारी, सौदागर मुखिया, जयप्रकाश सिन्हा, आनंदी प्रसाद, वीणा कुमारी, अनुपम कुमारी, रंजू कुमारी, विभा कुमारी, विजेंद्र कुमार, संजीव सिंह, विजय कुमार, कविता बाबुल, विन्देशवरी सिंह, अनिता कुमारी, रंजु कुमारी, इस्माइल, राजेंद्र कुमार, सत्यनारायण मेहता, सुरेंद्र पासवान, अशोक कुमार राम, संजीव कुमार झा, पूनम कुमारी, सावित्री कुमारी, राजू पासवान, सरफुद्दीन अंसारी, शिव नारायण चौधरी, शिव कुमार साह सत्यदेव राम आदि उपस्थित थे।

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