करजाईन में सड़क पर लगती हाट, राहगीर रहते परेशान
मिथिलांचल की धरती रीति-रिवाजों व परंपराओं से भरी पड़ी है। यहां मवेशियों के बीच प्रतियोगिता की परंपरा है। यह काफी पुरानी परंपरा है जिसका आयोजन साल में एक बार किया जाता है। हालांकि यह प्रतियोगिता एक तरह से अमानवीय है। प्रतियोगिता के रूप में चली आ रही यह परंपरा के पीछे का रहस्य क्या है सही-सही कोई नहीं जानता। वैसे समय के बढ़ते चक्र के साथ यह परंपरा मलिन पड़ती जा रही है लेकिन अब भी कई जगह लोग इसे जिदा रखे हुए हैं।
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): एनएच 106 पर स्थित करजाईन बाजार में सड़क के दोनों किनारे हाट लगने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। करजाईन बाजार में सप्ताह में दो दिन रविवार एवं गुरुवार को हाट लगती है। मुख्य सड़क पर हाट लगने से उक्त पथ से गुजरने वाले वाहनों व राहगीरों को काफी परेशानी होती है। भीड़-भाड़ अधिक रहने के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। हाट के दिन सड़क किनारे ही बर्तन, कपड़ा, सब्जी आदि का बाजार सजता है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। साथ ही आवागमन भी बाधित होती है। कभी-कभी तो लंबा जाम भी लग जाता है। स्थानीय कई व्यापारियों सहित क्षेत्र के वाहन चालकों ने बताया कि मुख्य सड़क पर दुकानें लगने के कारण यहां से निकलने में काफी परेशानी होती है। साथ ही दुकानों के आगे हाट लगने से ग्राहक को दुकान तक पहुंचने में भी परेशानी होती है। लोगों ने प्रशासन से हाट के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।
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टेम्पू व बस स्टैंड भी सड़क पर
करजाईन बाजार में छोटे-बड़े वाहनों के ठहराव के लिए कोई स्थायी जगह तय नहीं है। दिन-भर ऐसे वाहन सवारी बैठाने व उतारने का काम सड़क पर ही करते हैं। स्थाई जगह नहीं होने के चलते सड़क के किनारे ही टेम्पू आदि खड़ी रहने से आवागमन में मुश्किलें होती है।