कमलेश तिवारी के हत्यारों को सार्वजनिक रूप से दी जाए फांसी: हिसपा

रविवार की सुबह 12 वीं के सैकड़ों छात्र सड़क पर उतर आए और सुपौल-सरायगढ़ हाइवे 327 ई को डिग्री कालेज के निकट जाम कर दिया और कालेज प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करने लगे। छात्रों का कहना था कि वे इस सत्र में बारहवीं की बोर्ड देने वाले हैं। बोर्ड परीक्षा से पूर्व कॉलेज प्रशासन द्वारा हमलोगों की एक टेस्ट परीक्षा ली जानी है। लेकिन निधार्ररित समय में कॉलेज में न तो कोई उपलब्ध है और न ही कोई इस संदर्भ में कुछ बताने वाला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 05:44 PM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 05:44 PM (IST)
कमलेश तिवारी के हत्यारों को सार्वजनिक रूप से दी जाए फांसी: हिसपा
कमलेश तिवारी के हत्यारों को सार्वजनिक रूप से दी जाए फांसी: हिसपा

जागरण संवाददाता सुपौल: हिदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या के विरोध में हिदू समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं का विरोध जारी है। हिदू समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हत्यारे की अविलंब गिरफ्तारी, एनआइए से जांच तथा 60 दिनों के अंदर हत्यारों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने की मांग की है। हत्या के विरोध में रविवार को हिदू समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाजार में घूम घूम कर लोगों से अपनी-अपनी प्रतिष्ठान बंद रखने का आग्रह किया। इस क्रम में कार्यकर्ताओं ने जुलूस की शक्ल में बाजार भ्रमण किया तथा जब तक सूरज चांद रहेगा कमलेश तुम्हारा नाम रहेगा, कमलेश तिवारी तुम्हारा यह बलिदान याद रखेगा हिदुस्तान आदि के नारे भी लगाए। बाजार भ्रमण उपरांत स्थानीय लोहिया नगर चौक पर एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए हिदू समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आनंद पाठक ने कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या से यह स्पष्ट हो चुका है कि संप्रदाय विशेष के लोग राष्ट्र विरोधी कार्य कर अमन के कानून व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करना चाहते हैं। ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों को मैं स्पष्ट चेतावनी देना चाहता हूं कि लोकतंत्र में हिसा की कोई जगह नहीं होती। कहा कि कमलेश तिवारी ने हिदू हित रक्षार्थ जो अपना बलिदान दिया है, वह व्यर्थ नहीं जाएगा। उनके खून का एक-एक कतरा भारत को हिदू राष्ट्र एवं विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा। योगी सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा क्यों हटाई गई, हत्या के दिन एक भी कांस्टेबल उनके आवास पर क्यों नहीं था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हत्या की साजिश रची गई। उन्होंने भारत सरकार से मांग किया कि इस हत्या का असली गुनाहगार कौन है इसे जानने का पूरे राष्ट्र को अधिकार है। इसलिए इस हत्या की एनआईए जांच कराते हुए हत्यारे की अविलंब गिरफ्तारी की जाए और 60 दिन के भीतर उसे सार्वजनिक रूप से फांसी दी जाए। कार्यक्रम में अमित तिवारी, सुबोध आदित्य, मनु महाराज, वसंत साह, अरविद मंडल, ओम प्रकाश यादव, आलोक आनंद, जयप्रकाश कुमार, अमित कुमार, प्रदीप झा, बसंत कुमार, सुजीत कुमार, सरोज झा, प्रियांशु आनंद झा, रजनीश कुमार, कुणाल सिंह, नंदन निगम, मयंक सिंह, मनीष कुमार, दिनेश सिंह, दिवाकर राम, सरोज पासवान, विवेक पाठक आदि शामिल थे।

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