उफनाई सुरसर गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

संवाद सूत्र छातापुर (सुपौल) प्रखण्ड क्षेत्र के मध्य में प्रवाहित सुरसर नदी में शुक्रवार को जलस्त

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 12:15 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 12:15 AM (IST)
उफनाई सुरसर गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
उफनाई सुरसर गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

संवाद सूत्र, छातापुर (सुपौल): प्रखण्ड क्षेत्र के मध्य में प्रवाहित सुरसर नदी में शुक्रवार को जलस्तर बढ़ने से नदी के तट पर बसे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। माधोपुर, रामपुर पंचायत के गांवों में नदी का पानी प्रवेश कर जाने से आवागमन बाधित हो गया है। दूसरी ओर बारिश की वजह से धान की फसल को भी काफी क्षति पहुंची, लेकिन जो कुछ बच गई उसे बाढ़ के पानी ध्वस्त कर दिया । अचानक सुरसर का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे अवस्थित कई गांवों में पानी घुस गया। सुरसर नदी सहित प्रखंड में बहने वाली नदियां उफनाई हुई हैं और लगातार सभी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। सैकड़ों एकड़ में लगी किसानों की धान नदी के उफनाने से पानी में डूब गई है। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। लोगों के घरों में पानी घुस जाने से दर्जनों परिवारों को पीने का पानी, शौचालय व खाना पकाने वाले चूल्हे के प्रयोग में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। नदी के उफनाने की सूचना मिलते ही छातापुर अंचलाधिकारी उपेन्द्र कुमार ने पंचायत का भ्रमण किया । उन्होंने बताया कि नदी उफनाने से पानी आया है । बताया कि अनियंत्रित स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थान जाने की सलाह दी गई है ताकि जानमाल की सुरक्षा की जा सके।

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खेतों में जलभराव के चलते डूब गई पूंजी लगातार मौसम की बेरुखी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। बारिश से धान की फसल को काफी क्षति पहुंची है। अधिकांश किसानों की फसल पक कर तैयार है। खेतों में पानी भर जाने से कटाई करना संभव नहीं है। फसल को बर्बाद होते व पूंजी डूबते देख किसान चितित हैं। उन्हें गृहस्थी चलाने की चिता सताने लगी है। किसान दीपक शर्मा का कहना है कि उनके साथ ही गांव के दर्जनों लोगों की धान की फसल पक कर तैयार है। लगातार बारिश से खेत में पानी भर गया है। जलनिकासी का प्रबंध नहीं होने से फसल बर्बाद हो रही है। हरि प्रसाद ने बताया कि बारिश से सब्जी की खेती भी चौपट हो गई है। बैगन व मूली के पौधे पानी में डूब गए हैं। पूंजी कैसे बचेगी, समझ में नहीं आ रहा है। रमेश कुमार का कहना है कि बारिश से पक कर तैयार धान की फसल डूब गई है।

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