फिर बौराई कोसी, सतर्क नहीं हुआ तंत्र तो दोहरा सकती है कुसहा की कहानी

जागरण संवाददाता सुपौल नदी में बढ़ते-घटते जल स्तर के बीच अचानक से कोसी ने अपना आक्रामक रू

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:25 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:25 PM (IST)
फिर बौराई कोसी, सतर्क नहीं हुआ तंत्र तो दोहरा सकती है कुसहा की कहानी
फिर बौराई कोसी, सतर्क नहीं हुआ तंत्र तो दोहरा सकती है कुसहा की कहानी

जागरण संवाददाता, सुपौल: नदी में बढ़ते-घटते जल स्तर के बीच अचानक से कोसी ने अपना आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया और उसकी बौराई धारा सिकरहट्टा-मझारी निम्न लो बांध को तोड़ते पश्चिम की ओर निकलती फिलहाल तिलयुगा में जा गिरी है। गुरुवार की मध्य रात्रि में कोसी ने तटबंध को तोड़ा। सुबह जो टूटान स्थल 40 से 50 मीटर में दिख रहा था लगातार बढ़ता जा रहा है। कोसी की हुंकार लोगों के जेहन में सिहरन पैदा कर रही है। आसपास के लोग सतर्कता बरतते फिलहाल तटबंधों पर ही आ गए हैं। लेकिन उनके चेहरे पर भय की लकीरें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं। ग्रामीणों की मानें तो तंत्र से उनका भरोसा भी जैसे उठता सा जा रहा है। उनलोगों ने बताया कि ग्रामीणों ने अपनी व अपने खेतों की सुरक्षा के बाबत निम्न लो बांध से पूरब आपसी सहयोग से एक सुरक्षा बांध का निर्माण करा रखा था। तीन दिन पहले ही उस सुरक्षा बांध को कोसी ने तोड़ दिया। लोगों ने इसकी सूचना विभागीय अभियंता सहित प्रशासनिक अधिकारियों को दी। लेकिन इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। नदी की धारा ने आगे बढ़ते तटबंध पर ही आक्रमण कर दिया और तटबंध को तोड़ते पश्चिम की ओर निकल गई। नतीजा हुआ कि उस वक्त तैनात अभियंता ग्रामीणों के आक्रोश के शिकार भी हुए। ग्रामीणों की बातों को अनसुना करने वाला वही तंत्र फिलहाल ग्रामीणों द्वारा बनाए गए उसी सुरक्षा बांध को पहले बांधने में लग गया है। वैसे फिलहाल कोसी का डिस्चार्ज भी अधिक नहीं है लेकिन यहां एक बात याद करने वाली है कि जब कुसहा में कोसी ने आक्रमण किया था और बांध को तोड़ उन्मुक्त हुई थी तो उस वक्त भी कोसी का डिस्चार्ज डेढ़ लाख के ही करीब था। उस वक्त भी कटान स्थल की स्थिति ऐसी ही दिख रही थी। धीरे-धीरे कोसी ने जो रूख अख्तियार किया और बर्बादी की कहानी लिखी उसे याद कर आज भी कलेजा कांप उठता है।

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नदी की धारा मोड़ने में जुटे हैं अभियंता

कटान स्थल पर मुख्य अभियंता सहित अभियंताओं की टीम कैंप कर रही है और नदी की धारा को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। खुद जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक के साथ कटान स्थल पर ही कैंप किए हैं। क्षण-क्षण की रिपोर्ट से सरकार को अवगत कराया जा रहा है। लेकिन नदी के वेग को रोकने की कोशिश महज बालू भरे बैग डालकर की जा रही थी। हालांकि मुख्य अभियंता ने दावा किया कि संसाधन जुटाए जा रहे हैं और हर संभव कोशिश करते शुक्रवार की रात तक स्थिति को काबू कर लिया जाएगा।

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तिलयुगा से नहीं संभला पानी तो दर्जनों गांव आएंगे चपेट में

फिलहाल धारा तिलयुगा नदी में जाकर गिर रही है जो काफी आगे जाकर पुन: कोसी की ही धारा में मिल जाती है। लोगों को आशंका है कि यदि तिलयुगा उफना गई तो फिर स्थिति पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो सकता है। जिससे शुरुआती दौर में डगमारा पंचायत के सिकरहट्टा, चुटियाही, दिघिया पंचायत के दुधैला, मझारी, महुआ, बेलासिगार मोती, हरियाही, जरौली, मरौना प्रखंड के ललमनिया, रसुआर, पंचगछिया, कोनी, मंगासिहौल के अतिरिक्त मधुबनी जिले के सुपौल सीमा से सटे कई गांव के बाढ़ प्रभावित होने की संभावना प्रबल हो जाएगी। हालांकि बाढ़ के खतरे की संभावना को देखते हुए कई परिवार ने बांध पर शरण लेना शुरू कर दिया है। तंबू गाड़कर अपने सामान एवं बाल-बच्चे के साथ रह रहे हैं।

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