तेज हवा व बारिश से दोहरी मार झेलने को मजबूर किसान

-एक तो बारिश के कारण पके धान का हुआ नुकसान उपर से नमी में हुई बढ़ोतरी जागरण सं

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 12:11 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 12:11 AM (IST)
तेज हवा व बारिश से दोहरी मार झेलने को मजबूर किसान
तेज हवा व बारिश से दोहरी मार झेलने को मजबूर किसान

-एक तो बारिश के कारण पके धान का हुआ नुकसान, उपर से नमी में हुई बढ़ोतरी

जागरण संवाददाता सुपौल: पिछले दिनों आइ तेज हवा के साथ बारिश के कारण जिले के किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। एक तो हवा और बारिश के कारण पके धान को नुकसान हुआ है तो वहीं धान की नमी में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में जब किसान धान बेचने क्रय केंद्रों पर पहुंचेंगे तो धान में बढ़ी नमी के कारण या तो क्रय समिति धान खरीदने से मुकर जायेंगे या फिर उनसे प्रति क्विटल अधिक धान लिए जाएंगे। जाहिर सी बात है कि हर हाल में नुकसान किसानों को ही उठाना होगा। इधर सरकार ने 1 नवंबर से धान खरीद करने की घोषणा इसलिए की ताकि किसानों को धान बेचने के लिए बिचौलिया के हाथों की कठपुतली न बनना पड़े और उन्हें सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्यों का लाभ मिले। परंतु ऐन वक्त पर आई हवा और बारिश ने फिलहाल किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि सरकार ने 17 फीसद नमी तक वाले धान खरीद का निर्देश दिया है

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धान की बढ़ गई है नमी

पिछले दिनों आई बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है बारिश से सबसे अधिक नुकसान धान फसल को ही हुआ है। जहां तेज हवा के कारण खड़े धान के पौधे जमीन पकड़ लिए हैं वहीं बारिश के कारण धान की नमी बढ़ गई है। कृषि विज्ञानी के मुताबिक धान की नमी में 25 से 28 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान है। इससे इसकी कीमत भी प्रभावित होगी। धान में अगर 3 फीसद की नमी बढ़ती है तो इसका असर यह होगा कि किसान को एक क्विटल का एमएसपी पाने के लिए उन्हें लगभग 110 किलोग्राम धान देना होगा। दरअसल सरकार ने कोसी प्रमंडल में 1 नवंबर से धान खरीद करने की व्यवस्था की है। जिले में धान बेचने को तैयार हैं किसान। अपनी जरूरत के मुताबिक दीपावली और छठ के बीच धान को बेचते हैं, कारण है कि इस समय किसानों को रबी फसल के लिए पैसे की जरूरत होती है। कोसी के इलाकों में किसानों की इसी जरूरत को देखते हुए सरकार ने 1 नवंबर से धान खरीद करने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। परंतु बारिश के कारण नुकसान झेल चुके किसानों को एमएसपी का लाभ मिल पाएगा फिलहाल संभव होते नहीं दिख रहा है।

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किसी भी केंद्र पर बेच सकते हैं धान

खरीद केंद्रों पर किसी प्रकार की अनियमितता को रोकने और गुणवत्ता की जांच के लिए सहकारिता और खाद्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन को सरकार ने जिम्मेवारी दे रखी है। इस वर्ष धान खरीद के समय अपनी पसंद के किसी भी पैक्स और व्यापार मंडल पर धान बेचने की स्वतंत्रता दे रखी है। इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति क्विटल तथा ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित किया गया है।

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कोट-

एमएसपी पर धान खरीद करने को लेकर जो निर्देश प्राप्त है उसके मुताबिक 17 फीसद नमी वाले धान की ही खरीद की जाएगी। पिछले दिनों हुई बारिश से धान में नमी बढ़ने की सूचना प्राप्त हुई है। प्रावधान के मुताबिक तय मानक वाले धान की ही खरीद की जानी है।

अरविद पासवान

जिला सहकारिता पदाधिकारी

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