खेतों में धराशायी हुए धान के पौधे, किसान हुए हताश और निराश

जागरण संवाददाता सुपौल सोमवार की रात बारिश के साथ तेज हवा में जहां खेतों में लगे धान के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:12 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:12 AM (IST)
खेतों में धराशायी हुए धान के पौधे, किसान हुए हताश और निराश
खेतों में धराशायी हुए धान के पौधे, किसान हुए हताश और निराश

जागरण संवाददाता, सुपौल: सोमवार की रात बारिश के साथ तेज हवा में जहां खेतों में लगे धान के पौधे को जमीन पर सुला दिया वहीं सब्जी की खेती को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। अब किसान हताश व निराश दिख रहे हैं। वे खेतों में गिरी धान की फसल को निहार रहे हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अब वे क्या करेंगे। किसान प्रकृति के आगे लाचार और विवश दिख रहे हैं। दरअसल इस वर्ष समय से मानसून उतर जाने के कारण किसान धान की अगता फसल लगाई थी। समय-समय पर बारिश होने के कारण फसल भी अच्छी थी। अधिकांश खेतों में लगी फसल में बाली पकड़ ली कुछ धान में दाने भी आ गए थे तो कुछ पकने के कगार पर थे। धान की फसल को देख किसान काफी उत्साहित थे। उन्हें लग रहा था कि इस बार अन्य वर्षों की अपेक्षा बंपर पैदावार होगी परंतु तेज हवा ने किसानों के अरमान को ही उड़ा दिया। बाली लगे धान के पौधे तेज हवा के कारण जमीन पर गिर पड़े, रही-सही कसर को बारिश ने पूरी कर दी। स्थिति ऐसी है कि जमीन पर धान पसरा पड़ा है और ऊपर से बारिश का पानी लगा हुआ है।

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कहते हैं किसान

पिपरा प्रखंड के किसान अशोक कुमार, भरत भूषण मंडल, अमन कुमार यादव, मोहन साह आदि बताते हैं कि सोमवार की रात तेज हवा के साथ आई बारिश ने उन सबों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। तेज हवा के कारण बाली लगे धान के पौधे खेतों में गिरे हैं। हवा के साथ हुई बारिश की पानी इन खेतों में लगा है जिससे फसल बर्बाद हो चुकी है। बताया कि इस बार की फसल पिछले कई वर्षो की अपेक्षा बेहतर थी। लग रहा था कि इस बार पैदावार अधिक होगी लेकिन उनलोगों के अरमानों पर पानी फिर चुका है। किसानों ने बताया कि ऊंची जमीन में लगे धान के पौधे भी गिरे हैं हालांकि इसमें बारिश का पानी नहीं लगा है। पौधे के गिर जाने के कारण उत्पादन में कमी तो होगी ही ऐसे में खेती की लागत भी निकल जाए तो बहुत होगा। अब तो उनलोगों की सारी उम्मीदें सरकार पर टिकी है यदि सरकार मुआवजा नहीं देती है तो फिर उन लोगों को संभाल पाना मुश्किल होगा।

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कहते हैं कृषि विज्ञानी

राघोपुर कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विज्ञानी डा. मनोज कुमार की माने तो सोमवार की रात आई तेज हवा के साथ बारिश आफत बनकर आई। तेज हवा से धान के पौधे जमीन पकड़ लिए है। जो धान के पौधे नीचे गिरे हैं वह खड़ा नहीं हो सकता अगर उसमें बाली लगी हुई है तो फिर खखरी अधिक होगी। जाहिर सी बात है कि उत्पादन में तो कमी होगी ही। बताया कि जिन खेतों में पानी लगा है और उसमें पौधे गिरे पड़े हैं तो उसमें फोल्स एसमेंट बीमारी उत्पन्न होने की खतरा बना हुआ है। यह बीमारी बगल के खेतों में खड़े धान के पौधे में लगने की संभावना है। इस रोग के लगने से धान की बाली काले हो जाते हैं और पैदावार भी कम होती है। इसके अलावा बारिश और हवा ने बागवानी फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। बारिश के कारण आलू की फसल पछता होने की संभावना है। खेतों में लगी फूलगोभी पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।

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कोट

बारिश के साथ तेज हवा के कारण धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है ताकि समय रहते किसानों की मदद की जा सके।

समीर कुमार

जिला कृषि पदाधिकारी

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