अपराधियों ने किया लोगों का जीना हराम, बौनी पड़ रही पुलिस की व्यवस्था
संसू राघोपुर (सुपौल) लगातार हो रही हत्या की घटना से इलाके के लोग पूरी तरह सहमे ह
संसू, राघोपुर (सुपौल) : लगातार हो रही हत्या की घटना से इलाके के लोग पूरी तरह सहमे हुए हैं। ऐसा अपराधी जब जहां चाहे घटना को अंजाम देकर निकल जाता है। पुलिस की सारी व्यवस्था इन शातिर अपराधियों के सामने बौनी साबित हो रही है। पुलिस अब भी अपने पुराने अंदाज पर कायम है। घटना की सूचना मिलने पर घंटे दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंचना और लोगों के द्वारा बताई दिशा में अपनी गाड़ी दौड़ाना और खाली हाथ लौटकर पीड़ित से कई तरह के सवालात पूछने के बाद आश्वासन देना और कागजी खानापूर्ति में लग जाना ही मानो पुलिस का काम रह गया है। ऐसी पुलिसिग के कारण चोरी, लूट और हत्या आम बात हो गई है। इधर कुछ दिनों से इसमें और तेजी आ गई है। अपराधियों के तांडव ने लोगों का जीना हराम कर दिया है।
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उसी स्थान पर हुई थी रंजीत की हत्या
ज्ञातव्य हो कि सोमवार की शाम सिमराही बाजार के दवा व्यवसायी रोशन साह के पुत्र अभिषेक कुमार की अज्ञात अपराधियों ने प्रतापगंज थाना के दुअनिया पुल पर गोली मारकर हत्या कर दी। इसी तरह की घटना इस घटना से दस दिन पूर्व प्रतापगंज थाना क्षेत्र के उसी पुल पर हुई थी। अपराधियों ने पूर्व प्रमुख भूप नारायण यादव के भाई रंजीत कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं। इधर एक बार फिर दवा व्यवसायी के पुत्र की हत्या से लोग सहम गए हैं।
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48 घंटे का आश्वासन
पुलिस इस बीच हुए कांडों में महज 48 घंटे का समय मांगती है। आंदोलनरत लोगों को लगता है कि वाकई 48 घंटे में पुलिस कोई न कोई करतब अवश्य दिखाएगी। रंजीत की हत्या को तो 12 दिन से अधिक गुजर गए लेकिन पुलिस के हाथ तो आज भी खाली हैं। अब अभिषेक हत्याकांड में 48 घंटे का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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सवालों के घेरे में डिस्ट्रिक्ट इनवेस्टीगेशन यूनिट
अपराधियों के तांडव एवं लचर पुलिसिया कार्रवाई से पुलिस की डिस्ट्रिक्ट इंवेस्टीगेशन यूनिट सवालों के घेरे में आने लगी है। जानकारी हो कि जिले में अपराध की रोकथाम व अपराधियों को नकेल कसने के लिए पुलिस अधीक्षक ने इस यूनिट का गठन किया है। यह टीम एसपी के सीधे निर्देश पर काम करती है। इसकी ड्यूटी आपराधिक घटनाओं को रोकने की दिशा में पहल करना है। अपराध का त्वरित अनुसंधान करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी करना है। इसलिए इस यूनिट को अत्याधुनिक व्यवस्थाओं से लैस किया गया है। इसके पास सर्विलांस की सुविधा है जिससे वे अपराधियों के मोबाइल की ट्रैकिग कर सकते हैं। इनके पास मोबाइल टावर डंपिग की सुविधा दी गई है। अत्याधुनिक हथियार के साथ वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इन सबके बावजूद अपराधी एक ही अंदाज में एक ही स्थान पर घटना को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं। शातिर अपराधियों के आगे पुलिस की सारी व्यवस्था बौनी साबित हो रही है जिससे लोगों का भरोसा पुलिस से उठता जा रहा है। लोग डर के साये में जिदगी जीने को विवश हैं।