इंसान तो इंसान, महफूज नहीं भगवान

कोशी क्षेत्र में सक्रिय चोर गिरोह इस कदर निडर हो गए हैं कि अब उसे भगवान से भी डर नहीं लगता। इसी का नतीजा है कि पूर्व के कुछ सालों में इस क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में स्थापित एक-एक कर पौराणिक व कीमती मूर्तियों को चोर उठा कर ले गए और अब भगवान के सोने-चांदी के बने जेवरात व अन्य सामानों पर हाथ साफ करने में चोर गिरोह जुट गए हैं। जिस तरह मंदिरों से जेवरातों की चोरी हो रही है उस स्थिति में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि लोगों की ही नहीं भगवान की संपत्ति भी चोरों से सुरक्षित नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 03:41 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 03:41 PM (IST)
इंसान तो इंसान, महफूज नहीं भगवान
इंसान तो इंसान, महफूज नहीं भगवान

- मंदिरों को चोर बना रहे हैं अपना निशाना

- एक के बाद एक मूर्तियां व जेवरात चुरा ले जा रहे हैं

जागरण संवाददाता, सुपौल : कोसी क्षेत्र में सक्रिय चोर गिरोह इस कदर निडर हो गए हैं कि अब उन्हें भगवान से भी डर नहीं लगता। इसी का नतीजा है कि पूर्व के कुछ सालों में इस क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में स्थापित एक-एक कर पौराणिक व कीमती मूर्तियों को चोर उठा कर ले गए और अब भगवान के सोने-चांदी के बने जेवरात व अन्य सामानों पर हाथ साफ करने में चोर गिरोह जुट गए हैं। जिस तरह मंदिरों से जेवरातों की चोरी हो रही है उस स्थिति में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि लोगों की ही नहीं भगवान की संपत्ति भी चोरों से सुरक्षित नहीं है। मालूम हो कि कोशी राजा-रजवाड़ों का क्षेत्र रहा है। उस वक्त यहां के राजाओं द्वारा मंदिरों का निर्माण करवा कर बेशकीमती पत्थर व धातुओं की बनी देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती थी। इनमें से अधिकांश मंदिरों व मूर्तियों को तटबंध निर्माण से पूर्व कोसी की बाढ़ ने लील लिया और जो बचा वह चोर गिरोहों के हाथ आ गया। स्थिति यह हो गई है कि इस क्षेत्र में पौराणिक व दुर्लभ मूर्तियों के दर्शन अब दुर्लभ हो गए हैं। यहां के इतिहास से जुड़ी एक-एक मूर्तियों को नापाक हाथ उठाते गए और पुलिस की फाइलें मोटी होती गई। नतीजा अब कोसी में ढूंढ़ने से भी पौराणिक मूर्ति नहीं मिलती। अब चोरों की नापाक नजर भगवान के जेवरात व अन्य कीमती सामानों पर लगी है।

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लाखों में रहते हैं जेवरात

हाल ही सदर प्रखंड के मां ज्वालामुखी मंदिर में घटी जेवरात व नकदी की चोरी घटना कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व भी चोरों ने इस क्षेत्र के कई मंदिरों से जेवरात व अन्य सामान चुरा लिए थे। मालूम हो कि यहां के मंदिरों में भक्तों द्वारा मनोकामना पूर्ति के लिए मन्नत मांगते हैं और मन्नतें पूरी होने पर जेवरात चढ़ाते हैं। इसे मंदिर व्यवस्थापक द्वारा मंदिर में रख देते हैं। ऐसे जेवरात की कीमत लाखों में रहती है। ऐसे जेवरात की चोरी करना चोरों के लिए अधिक सहूलियत होती है।

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नहीं रहती सुरक्षा की व्यवस्था

इस क्षेत्र के मंदिरों पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं रहती है। नतीजा है कि चोर आसानी से भगवान की संपत्ति चोरी कर रफ्फूचक्कर हो जाते हैं। चोरी के ऐसे मामलों में चोरी गई मूर्तियों की तरह बरामदगी को ले पुलिस कभी भी संवेदनशील नहीं दिखती। मालूम हो कि इस क्षेत्र से चोरी गई मूर्तियों में से अधिकांश पुलिस की उपेक्षा के चलते अपने जगह पर अब तक वापस नहीं आ पाई हैं। अब इसी तरह का हश्र मंदिरों से होने वाले जेवरातों की चोरी के मामले का होता दिखाई पड़ रहा है।

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केस स्टडी-1

- इस साल 11 फरवरी की रात सदर थाना क्षेत्र के बसबिट्टी गांव स्थित भगवती बागेश्वरी मंदिर से चोरों ने जेवरात व दानपेटी चुरा ले गए। ग्रामीणों के अनुसार लगभग दो से ढाई लाख की चोरी चोरों द्वारा की गई।

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केस स्टडी-2

- 25 दिसंबर 2019 की रात सदर थाना क्षेत्र के सुखपुर गांव में चोरों ने एक ठाकुरबाड़ी को निशाना बनाते हुए लाखों के जेवरात व अन्य कीमती सामानों की चोरी कर ली। चोर सबसे पहले पहले एक चिकित्सक के घर से लाखों का माल उड़ाया और फिर चहारदीवारी फांद सुखपुर ड्योढ़ी की ठाकुरबाड़ी में पहुंच गया और चोरी की घटना को अंजाम दिया।

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केस स्टडी-3

- 29 अक्टूबर 2019 को राघोपुर थाना क्षेत्र के प्रसिद्ध विष्णु मंदिर से चोरों ने अष्टधातु की मूर्ति सहित लाखों के जेवरात की चोरी कर ली। मंदिर के पुजारी सुबह मंदिर का दरवाजा खोला तो देखा कि मंदिर में सामान बिखरा हुआ है और गर्भ गृह से भगवान विष्णु की मूर्ति सहित सोने से बने मुकुट व कुंडल सहित अन्य जेवरात गायब हैं।

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