चौकसी के बावजूद खुलेआम हो रही मवशियों की तस्करी

संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल): सीमा पर तैनात सारी एजेंसियों की चौकसी के बावजूद मवेशी तस्करी थमने का न

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 05:05 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 05:05 PM (IST)
चौकसी के बावजूद खुलेआम हो रही मवशियों की तस्करी
चौकसी के बावजूद खुलेआम हो रही मवशियों की तस्करी

संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल): सीमा पर तैनात सारी एजेंसियों की चौकसी के बावजूद मवेशी तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही। अलसुबह दर्जनों छोटे-बड़े वाहनों में मवेशियों को लादकर एनएच 57 की तरफ ले जाते हैं। मवेशी लदे वाहन एसएच 91 एवं पूर्वी कोसी मुख्य नहर के रास्ते फोरलेन तक पहुंचते हुए वीरपुर, बलुआ बा•ार, भीमपुर एवं ललितग्राम पुलिस थाना व ओपी क्षेत्र से बेखौफ गुजरते हैं लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कोई सार्थक पहल का नहीं होना संदेह उत्पन्न करता है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र से मवेशियों की तस्करी व आवाजाही होती रही है। सुपौल या अररिया जिले से लगने वाली खुली सीमा से मवेशियों की तस्करी होती है। गाहे-बगाहे सीमा पर तैनात एसएसबी नो मेंस लैंड पार कर आने वाले कुछ एक मवेशी को तो पकड़ने में सफल हो पाती है मगर मवेशी ला रहे लोग बचने में कामयाब हो जाते हैं। बताया जाता है कि कानूनी पचड़ा यह है कि जब्त मवेशी और वाहन को कस्टम को सुपुर्द करना होता है। कस्टम विभाग को जब्त मवेशी को रखना चुनौती से कम नहीं है। इस तरह फिर वही लोग कस्टम से नीलामी कराकर पालने की बजाय गंतव्य को भेजने में कामयाब होते रहे हैं। दैनिक मवेशी हाट ले जाने के नाम पर अधिकांश मवेशी लदे वाहन अपने तय मुकाम तक पहुंच जाते हैं।

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