सुपौल : व्रतियां सुबह में करें मतदान फिर दिनभर आराम

29 सितंबर को जिउतिया पर्व के कारण महिलाएं अपने बच्चों की सलामती के लिए निर्जला उपवास पर रहेंगी। इस दिन प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में पंचायत चुनाव का मतदान है। धूप के तेवर भी तल्ख चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:49 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:49 PM (IST)
सुपौल : व्रतियां सुबह में करें मतदान फिर दिनभर आराम
सुपौल : व्रतियां सुबह में करें मतदान फिर दिनभर आराम

सुपौल। 29 सितंबर को जिउतिया पर्व के कारण महिलाएं अपने बच्चों की सलामती के लिए निर्जला उपवास पर रहेंगी। इस दिन प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में पंचायत चुनाव का मतदान है। धूप के तेवर भी तल्ख चल रहे हैं। ऐसे में व्रतियों को परेशानी हो सकती है। पर्व और चुनाव के मद्देनजर जब डा. रामचंद्र से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने धूप से बचने की सलाह देते हुए कहा कि व्रतियां सुबह जगने के बाद पहला काम मतदान करें और उसके बाद घर में दिनभर आराम करें। बता दें कि इस वर्ष खरजीतिया होने के कारण यह पर्व 36 घंटे का है। इस दौरान महिलाएं निर्जला उपवास में रहेंगी।

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महिलाओं की है अच्छी तादाद

नौ पंचायत वाले प्रतापगंज प्रखंड में मुखिया व सरपंच के 9 पद हैं, इसके अलावा ग्राम पंचायत के पंच के 126, ग्राम पंचायत सदस्य के पद 126, पंचायत समिति के 12 तथा जिला परिषद सदस्य का एक पद शामिल है। इन सभी पदों के लिए प्रखंड क्षेत्र में 129 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। प्रखंड क्षेत्र में महिलाओं की अच्छी तादाद है। यहां 71494 मतदाताओं में से 37390 पुरुष और 34104 महिला मतदाता हैं। यानी पुरुष और महिलाओं की संख्या में 3294 का अंतर है। इसमें से अधिकांश महिला ऐसी हैं जो व्रत के कारण उपवास में रहेंगी। मंगलवार से शुरू हुआ जिउतिया का उपवास बुधवार शाम संपन्न होगा। पारण का समय 5.04 बजे के बाद निर्धारित है। महिलाओं के पारण से पहले मतदान की अवधि समाप्त हो जाएगी। मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित है। ऐसे में व्रतियों के लिए सुबह का समय मतदान के हिसाब अनुकूल होगा।

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कोट-

जिउतिया पर्व में महिलाएं निर्जला उपवास में रहती हैं। तेज धूप में बाहर निकलने पर डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है। ऐसे में घर से निकलने से पहले सनक्रीम का इस्तेमाल करें। पूरे बदन का कपड़ा पहने जिससे शरीर का कोई अंग सीधा धूप के संपर्क में नहीं आए। छाता लेकर घर से बाहर निकलें।

डा. रामचंद्र कुमार

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