बर्बाद हो रहे धान की फसल को देखने कोसी कछार पर पहुंचे अधिकारी
सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के कोसी नदी के कसरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के कोसी नदी के कछार सहित अन्य जगहों पर धान की फसल में लगे कीड़े की जांच शुक्रवार के दिन पौधा संरक्षण निरीक्षक तथा सहायक निदेशक ने खेतों में पहुंचकर की।
सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के कोसी नदी के कछार सहित अन्य जगहों पर धान की फसल में लगे कीड़े की जांच शुक्रवार के दिन पौधा संरक्षण निरीक्षक तथा सहायक निदेशक ने खेतों में पहुंचकर की। जांच के दौरान निरीक्षक सरायगढ़, बलथरबा, बनैनियां, भपटियाही पलार पर पहुंचे जहां किसानों से जानकारी ली। सूख रहे धान की फसल को देखने के बाद निरीक्षक ने कहा कि तना छेदक तथा पत्र लपेट एक रोग के कारण किसानों के धान को नुकसान हो रहा है। कहा कि इस तरह की बीमारी सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के अलावा जिले के छातापुर प्रखंड में कुछ जगहों पर देखने को मिली है। निरीक्षक ने किसानों से कहा कि जिस धान के खेत में कीड़े लगे हैं और धान की फसल बर्बाद हो रही है वहां कारटाप हाइड्रोक्लोरिक नामक दवा का 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। इसके छिड़काव से तना छेदक तथा पत्र लपेट खत्म हो जाएगा और धान की फसल को बचाया जा सकता है। पौधा संरक्षण निरीक्षक तथा निदेशक ने कहा कि किसान तत्परता दिखाएं तो बर्बाद हो रही धान की फसल सुरक्षित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को जागरूक होना होगा। समय रहते अपने अपने खेतों में दवा का छिड़काव करना होगा। निरीक्षक तथा निदेशक ने किसानों को अपना-अपना मोबाइल नंबर देते कहा कि यदि किसी और के खेत में इस तरह की परेशानी हो तो उन्हें सूचित करें। इस दौरान किसान सलाहकार अरविद कुमार, किशोर कुमार, पूर्व मुखिया जगदेव पंडित, मु. हलीम सहित कई किसानों ने निदेशक तथा निरीक्षक को नदी के कछार पर लगाए गए धान के फसल में हुई बर्बादी से अवगत कराया।