पत्र में हुआ संशोधन विभागीय कार्रवाई से मुक्त किए गए शिक्षक

जागरण संवाददाता सुपौल जिले के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 469 शिक्षकों को निलंबन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 12:02 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 12:02 AM (IST)
पत्र में हुआ संशोधन विभागीय कार्रवाई से मुक्त किए गए शिक्षक
पत्र में हुआ संशोधन विभागीय कार्रवाई से मुक्त किए गए शिक्षक

जागरण संवाददाता, सुपौल: जिले के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 469 शिक्षकों को निलंबन मुक्ति आदेश पत्र में सरकार के आदेश का उल्लंघन करने का भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के आपत्ति पर उप विकास आयुक्त ने आदेश पत्र को संशोधन करते हुए 469 नियोजित शिक्षकों को विभागीय कार्रवाई से मुक्त कर दिया है। उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद सुपौल ने अपने पूर्व के पत्र पत्रांक 303 दिनांक 30 मई 2020 को 48 घंटे के बाद ही आंशिक संशोधन कर अपने कार्यालय पत्रांक 307 दिनांक 2 जून 2020 के द्वारा जिले के 469 नियोजित शिक्षकों को विभागीय कार्रवाई से मुक्त करते हुए पदस्थापित विद्यालय में योगदान करने का आदेश दिया है। उप विकास आयुक्त ने पत्र की प्रतिलिपि संबंधित शिक्षक, प्रधानाध्यापक एवं निलंबित मुख्यालय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी दिया है। उप विकास आयुक्त ने अपने पत्र में स्वीकार किया है कि लिपिकीय भूलवश सरकार के आदेश के बावजूद पूर्व पत्र में विभागीय कार्रवाई से मुक्त करने संबंधी आदेश का अनुपालन नहीं हो सका। विदित हो कि भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह ने उप विकास आयुक्त के निलंबन आदेश पत्र पत्रांक 303 दिनांक 30 मई 2020 पर सरकार के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आपत्ति दर्ज कर संशोधित पत्र निर्गत करने का अनुरोध किया था। श्री सिंह का कहना था कि उप सचिव शिक्षा विभाग बिहार पटना ने अपने कार्यालय पत्रांक 806 दिनांक 21 मई 2020 के कंडिका 4 स्पष्ट आदेश दिया गया था कि हड़ताल समाप्ति के उपरांत नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्ष को निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई से मुक्त किया जाए। लेकिन उप विकास आयुक्त ने सरकार के आदेश के विपरीत विभागीय कार्रवाई से मुक्त नहीं किया था। उप विकास आयुक्त ने पत्र की प्रतिलिपि किसी भी शिक्षक, प्रधानाध्यापक एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को नहीं दिए जाने के कारण शिक्षक एवं विभाग में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गया था। जिला शिक्षा पदाधिकारी सुपौल ने अपने पत्रांक 285 दिनांक 23 मई 2020 के द्वारा शिक्षकों को निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई से मुक्त करने की अनुशंसा की थी।

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