उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चैती छठ संपन्न

बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न जगहों पर चैती छठ उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर सोमवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:06 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:06 PM (IST)
उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चैती छठ संपन्न
उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चैती छठ संपन्न

सुपौल। बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न जगहों पर चैती छठ उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर सोमवार को संपन्न हो गया। वीरपुर वार्ड नंबर 1 में जहां लोगों ने अपने घर के पास पोखर खोद कर आस्था के साथ उदित सूर्य को अ‌र्घ्य दिया, वहीं प्रखंड के भीमनगर, समदा एवं भगवानपुर पंचायतों में भी श्रद्धालुओं के द्वारा सूर्य की उपासना की गई। हालांकि कोरोना को लेकर लोगों के बीच भय का माहौल था। परंतु सोशल डिस्टेंसिग का ख्याल रखते हुए लोगों ने इस व्रत को श्रद्धा पूर्वक मनाया। इस बात को लेकर प्रोफेसर कॉलोनी निवासी संस्कृत के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. शिवाकांत मिश्र ने बताया कि इस पर्व की शुरुआत त्रेता युग से ही हुई है। हालांकि अपने मिथिलांचल में इस पर्व को कुछ लोग ही मनाते हैं। जबकि गंगा से दक्षिण भाग में लोग इस पर्व को भारी मात्रा में मनाते हैं। इस पर्व को करने से लोगों को पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है इसके अलावा कुष्ठ रोग का निवारण भी होता है। हालांकि अपने मिथिलांचल में शारदीय छठ काफी प्रचलित हैं और इस छठ को कुछ एक चुने लोग ही मनाते हैं। निष्ठा के साथ मनाया गया लोक आस्था का महापर्व चैती छठ

सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ सोमवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। आस्था व निष्ठा के साथ इस महापर्व को मनाने को लेकर लोगों में खासा उमंग व उत्साह देखा गया। क्षेत्र के रतनपुर पंचायत स्थित लड्डू बाबू पोखर के किनारे पूर्ण विधि-विधान व आस्था के साथ चैती छठ पर्व मनाया गया। मौके पर घाटों को स्थानीय लोगों के द्वारा आकर्षक ढंग से सजाया गया था। रविवार की संध्या बेला में छठी मैया की मधुर गीतों एवं बैंड-बाजों के बीच अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया गया था। वहीं सोमवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर इस पर्व का समापन किया गया। इस दौरान व्रती महिलाओं ने भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना एवं अ‌र्घ्य देकर कोरोना महामारी को शांत करने की मन्नतें भी मांगी। वहीं इस चैती छठ को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचे।

chat bot
आपका साथी