बोले चिकित्सक:::::खुद की सुरक्षा के लिए मास्क का इस्तेमाल बेहद है जरूरी
संवाद सूत्र करजाईन बाजार (सुपौल) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर फैलने के
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल): वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर फैलने के बढ़ते प्रभाव के बाद इससे बचाव के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इस वायरस से निजात पाने के लिए लगातार सावधानियां बरतने के लिए सलाह दी जा रही है, ताकि इस वायरस की चपेट में आने से बचा जा सके। कोविड-19 के संक्रमण से निजात पाने के लिए सावधानी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है जिससे कि कोरोना जैसी घातक बीमारी से बचा जा सके। इन्हीं सावधानियों में से एक है मास्क। मास्क कोरोना काल में हमारा सुरक्षा कवच बन चुका है। खुद की सुरक्षा के लिए मास्क का इस्तेमाल बेहद आवश्यक है। लोगों के मन में कई तरह के सवाल मास्क को लेकर आते हैं, जैसे कौन सा मास्क सबसे अच्छा है मास्क लगाते समय क्या करना चाहिए घर में खुद से बनाए कितना सुरक्षित है। इस बारे में लोगों की भ्रांतियां दूर करने के लिए जब चिकित्सकों से बात की गई तो राघोपुर रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शिवमंगल सिंह ने मास्क के बारे में बारीकी से समझाते हुए कहा कि वैसे तो एन-95 सबसे प्रभावी मास्क माना जाता है। एन-95 मास्क बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षा देने में काफी मददगार है। लेकिन घर में बनाए मास्क का भी हम प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन घर में मास्क बनाते से कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। मास्क निर्माण में सूती कपड़े का इस्तेमाल करें। साथ ही उस कपड़े में गप्स हो और कम से कम तीन लेयर में वह बना हो। साथ ही डॉ. सिंह ने यह भी सलाह दी कि मास्क पहनते समय यह ध्यान रखें कि पहनने वाले का मुंह और नाक अच्छी तरह ढंका हो। तभी मास्क कारगर होगा। वहीं बसंतपुर पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मृणालकान्त ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है कि लोग सर्जिकल मास्क का भी कई दिनों तक इस्तेमाल करते हैं, यह गलत है। इस तरह का इस्तेमाल बिल्कुल ही नहीं करें। सर्जिकल मास्क दो से चार घंटे तक ही पहनें। साथ ही मास्क बनाते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि मास्क आपके साइज का हो और यह आपको सही तरह से फिट हो जाए। ऐसा न करें कि जिस मास्क का आपने इस्तेमाल किया है, उसमें से पूरी तरह से हवा आती-जाती रहे। ऐसा करने से मास्क पहनने का कोई मतलब नहीं है। वहीं करजाईन बाजार के चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार मेहता ने बताया कि घर में अगर कपड़े का मास्क बनाते हैं तो उसमें सूती कपड़े का इस्तेमाल करें एवं वह कम से तीन लेयर का हो। साथ ही एक-दो दिनों के अंतराल पर उसे गर्म पानी से धोएं।