पांच को सात वर्ष और दो को तीन वर्ष का कारावास

करीब 10 वर्ष पूर्व हत्या की नीयत से की गई मारपीट के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद इसरार अहमद की कोर्ट ने सात अभियुक्तों को दोषी करार करते हुए पांच को 7 वर्ष तथा दो अभियुक्तों को तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 11:28 PM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 11:28 PM (IST)
पांच को सात वर्ष और दो को तीन वर्ष का कारावास
पांच को सात वर्ष और दो को तीन वर्ष का कारावास

सुपौल। करीब 10 वर्ष पूर्व हत्या की नीयत से की गई मारपीट के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद इसरार अहमद की कोर्ट ने सात अभियुक्तों को दोषी करार करते हुए पांच को 7 वर्ष तथा दो अभियुक्तों को तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।

मामला छातापुर थाना के राजेश्वरी ओपी कांड संख्या 165/11 तथा सत्रवाद संख्या 183/13 से संबंधित है। इसमें थाना क्षेत्र के रतनसार वार्ड नंबर 6 निवासी शांति देवी ने गांव के ही 7 लोगों पर पति और उनके साथ मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर देने का आरोप लगाया था। दर्ज कांड में उन्होंने कहा था कि 29 अक्टूबर 2011 की सुबह करीब आठ बजे वे और उनके पति प्रताप चंद सरदार अपने दरवाजे पर बैठे थे। इसी दौरान गांव के ही किशुन सरदार, विष्णु देव सरदार, दर्शन सरदार, कालेश्वर सरदार, वीरेंद्र सरदार, जोगेंद्र सरदार तथा धर्मेंद्र सरदार लाठी डंडा और अन्य हथियार से लैस होकर आया और उनके पति के साथ मारपीट करने लगा। मारपीट के दौरान ही उन लोगों ने उनके पति के सिर पर दरिया से प्रहार कर दिया जिससे वे लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े। जब वह पति को बचाने आई तो उन लोगों ने उनके साथ भी मारपीट की जिससे वह भी गंभीर रूप से घायल हो गई। सुनवाई उपरांत कोर्ट ने किशुन सरदार, वीरेंद्र सरदार, योगेंद्र सरदार, धर्मेंद्र सरदार तथा कालेश्वर सरदार को भादवि की धारा 307 के तहत 7 वर्ष कारावास तथा दस हजार अर्थदंड धारा 324 के तहत 3 वर्ष कारावास तथा पांच हजार अर्थदंड धारा 323 के तहत 1 वर्ष कारावास तथा एक हजार अर्थदंड धारा 148 के तहत 3 वर्ष कारावास तथा पांच हजार अर्थदंड एवं धारा 147 के तहत 2 वर्ष कारावास तथा तीन हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है जबकि दर्शन सरदार तथा विष्णु देव सरदार को भादवि की धारा 307 के तहत 3 वर्ष कारावास तथा पांच हजार अर्थ दंड धारा 324 में 3 वर्ष कारावास तथा पांच हजार अर्थदंड धारा 323 में 1 वर्ष कारावास तथा एक हजार अर्थदंड धारा 148 में 3 वर्ष कारावास तथा पांच हजार अर्थदंड धारा 147 में 2 वर्ष कारावास तथा तीन हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। सुनाए गए अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि जहां अर्थदंड की राशि नहीं देने पर सभी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सुनाई गई सभी सजा साथ-साथ चलेगी जबकि पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि सुनाई गई सजा में समायोजित की जाएगी। इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी अबू जफर तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संजय सिंह ने बहस में हिस्सा लिया।

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