सुपौल के विद्यालयों में नहीं बंट पाया एमडीएम का चावल, लटके रहे ताले

जिला शिक्षा पदाधिकारी के सख्त निर्देश के बाद भी जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का खाद्यान्न निर्धारित तिथि 21 जून से वितरण संभव नहीं हो पाया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:36 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:36 PM (IST)
सुपौल के विद्यालयों में नहीं बंट पाया एमडीएम का चावल, लटके रहे ताले
सुपौल के विद्यालयों में नहीं बंट पाया एमडीएम का चावल, लटके रहे ताले

सुपौल। जिला शिक्षा पदाधिकारी के सख्त निर्देश के बाद भी जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का खाद्यान्न निर्धारित तिथि 21 जून से वितरण संभव नहीं हो पाया। अधिकांश विद्यालयों में वितरण के दूसरे दिन 22 जून को भी ताले लटके थे।

कई प्रधान ने बताया कि संवेदक द्वारा अभी तक उन्हें चावल उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में वितरण कैसे संभव हो सकता है। दरअसल पिछले दिनों जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों के कक्षा एक से आठ तक में नामांकित करीब साढ़े चार लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन का अनाज देने का निर्देश जारी किया था। जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रारंभिक विद्यालयों के प्रधान को 21 जून से खाद्यान्न का वितरण आरंभ करने का निर्देश दिया था। जारी निर्देश में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा था कि कोविड-19 संक्रमण के कारण शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। शैक्षणिक संस्थान के बंद रहने के कारण मध्याह्न भोजन योजना का संचालन भी बंद पड़ा है। इधर मध्याह्न भोजन योजना का खाद्यान्न उठाव नहीं होने के कारण गोदाम में अन्य योजनाओं का खाद्यान्न भंडारित रहने में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। इधर वर्षा का मौसम है ऐसे में अनाज के भंडारण रहने से खराब होने की संभावना है। ऐसे में तय मानक के अनुरूप प्रथम त्रैमास अर्थात अप्रैल, मई और जून के मध्याह्न भोजन का खाद्यान्न हर बच्चे के अभिभावक को 21 जून से वितरण करने का निर्देश दिया था। जारी निर्देश में कहा गया था कि इस दौरान बच्चे स्कूल नहीं आएंगे और उनके अभिभावक भी मास्क लगाकर आएंगे तथा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अनाज प्राप्त करेंगे। परंतु विभागीय लापरवाही के कारण निर्धारित किए गए समय से मध्याह्न भोजन योजना का खाद्यान्न का वितरण संभव नहीं हो पाया है। पड़ताल के दौरान कई विद्यालयों में ताले लटके पड़े दिखे। इधर पड़ताल के दरम्यान कई प्रधान ने बताया कि एक तो संवेदक के द्वारा अभी तक चावल उपलब्ध नहीं कराया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय बंद है। अकेले खद्यान्न का वितरण करना संभव नहीं होगा। जब तक विभाग सहायक शिक्षकों को भी विद्यालय आने का निर्देश जारी नहीं करता है।

chat bot
आपका साथी