भवन के लिए नहीं है जमीन कहां लगेगी वाटिका

समेकित बाल विकास परियोजना के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर किचन गार्डन विकसित किया जाना है। सरकार का मानना है कि किचन गार्डन में उगने वाली हरी सब्जियों का प्रयोग केंद्र पर बनने वाले पोषाहार में कर पोषक क्षेत्र के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 09:32 PM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 09:32 PM (IST)
भवन के लिए नहीं है जमीन कहां लगेगी वाटिका
भवन के लिए नहीं है जमीन कहां लगेगी वाटिका

सुपौल। समेकित बाल विकास परियोजना के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर किचन गार्डन विकसित किया जाना है। सरकार का मानना है कि किचन गार्डन में उगने वाली हरी सब्जियों का प्रयोग केंद्र पर बनने वाले पोषाहार में कर पोषक क्षेत्र के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। जिले में इन केंद्रों की स्थिति ऐसी है कि भवन के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण अधिकांश केंद्र किराए के मकान या सेविका के घर-दलान में चल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ जगहों पर भवन बने भी है तो चाहरदिवारी नहीं होने के कारण यह मवेशियों का चरागाह बना हुआ है। ऐसे में शत-प्रतिशत केंद्रों पर पोषण वाटिका का संचालन हो पाएगा फिलहाल यह संभव होते नहीं दिख रहा है।

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करीब 1990 केंद्रों को नहीं है अपना भवन

जिले में संचालित 1990 आंगनबाड़ी केंद्रों को न तो आज तक जमीन उपलब्ध हो पाई है और ना ही भवन। ऐसे केंद्र भाड़े के मकान या फिर सेविका के दलान में संचालित हो रहा है। जिले में कुल आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 2386 है। जिसमें से 396 केंद्रों को ही अपना भवन है। जिन केंद्रों को भवन है उनमें से कई केंद्रों के पास न चाहरदीवारी है और ना ही गेट। ऐसे में शत-प्रतिशत केंद्रों पर पोषण वाटिका का निर्माण हो पाएगा यह फिलहाल संभव होते नहीं दिख रहा है।

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जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में विभाग है उदासीन

केंद्रों को जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी संबंधित अंचलाधिकारी को सौंपी गई थी। जिसके तहत स्वेच्छा से दान दी गई जमीन या फिर सरकारी आम जमीन को चिह्नित कर अनापत्ति प्रमाण पत्र के सौंपने को कहा गया था। ताकि भवन निर्माण के लिए जमीन भी उपलब्ध हो जाए और कोई अड़चन भी उत्पन्न ना हो। इस स्तर पर निष्क्रियता का आलम है कि केंद्र के संचालन के करीब 20 वर्ष बाद भी जिले में 1990 को जमीन ही उपलब्ध नहीं हो पाई है।

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पोषण वाटिका को ले क्या है विभागीय निर्देश

पोषण वाटिका बनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मौसमी सब्जियों से पोषित करना है। इसके अलावा पोषक क्षेत्र के लोगों को पौष्टिक आहार लेने की दिशा में जागरूक किया जाना है। ताकि कुपोषण से मुक्ति मिल सके।

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