कोरोना ने लगाया दैनिक मजदूरों के काम पर ब्रेक

गौरीश मिश्रा करजाईन बाजार(सुपौल) कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने फिर से दैनिक मजदूर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:20 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:20 PM (IST)
कोरोना ने लगाया दैनिक मजदूरों के काम पर ब्रेक
कोरोना ने लगाया दैनिक मजदूरों के काम पर ब्रेक

गौरीश मिश्रा, करजाईन बाजार(सुपौल): कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने फिर से दैनिक मजदूरों को मुसीबत में डाल दिया है। इन बेरोजगारों के लिए न भत्ता और न ही कोई आर्थिक सहायता। वैश्विक महामारी कोरोना ने दैनिक मजदूरों के काम पर ब्रेक लगा दिया है। इनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। मजदूरों के बीच भयावह स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। नौबत यह आ गई है कि किसी-किसी से हजार-दो हजार कर्ज लेकर अपना गुजर-बसर करने पर मजबूर हैं। दैनिक मजदूर हो या हुनरमंद राजमिस्त्री सभी का गुजर-बसर हर रोज काम मिलने से ही चलता था, लेकिन आज कोरोना वायरस की वजह से इनके रोजगार पर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। क्षेत्र के करजाईन, बायसी, रतनपुर सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में जब मजदूरों का हाल जानने की कोशिश की तो इन्होंने अपना दर्द बयां कर ही दिया। करजाईन पंचायत के रामानंद सादा ने अपना दर्द बयां करते कहा कि वे गृह निर्माण के कार्य में मजदूरी करते हैं। कोरोना के कहर शुरू होते ही काम कम हो गया। लॉकडाउन के बाद तो काम ही नहीं मिल रहा है। पहले कई मकानों में काम किए थे। वहां भी आधे-अधूरे पर काम बंद है। रतनपुर के जितेंद्र पासवान राजमिस्त्री का काम करते हैं। इनका कहना है कि काम की तलाश तो करते हैं, लेकिन काम नहीं मिल रहा है। किसी तरह जीविका चला रहे हैं। रतनपुर के ही दैनिक मजदूर श्याम मंडल, महेंद्र पासवान ने बताया कि काम रोज नहीं मिल रहा है। एक दिन कमाते हैं तो पांच दिन खाते हैं। बहुत मुश्किल से जी रहे हैं। विष्णुदेव पासवान कहते हैं कि पहले होली के बाद पंजाब चले जाते थे, लेकिन इस बार नहीं गए। सोचा गांव में ही रोजगार मिल जाएगा। लेकिन यहां तो कभी-कभार काम मिल रहा है। बीते 10-12 दिनों से तो काम भी नहीं मिला है। कैसे जीविका चलेगी, उसको लेकर परेशान हैं। इन्होंने बताया कि गेहूं एवं मक्का के सीजन में पहले रोजाना एक हजार रुपए कमा लेते थे। लेकिन इस बार बारिश भी खासी खलल डाल रही है। रोजगार पूरी तरह प्रभावित है। रतनपुर पुरानी बाजार चौक पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकानदार सौरभ कुमार कहते हैं कि कोरोना के कहर के बाद लॉक डाउन ने कमाई को पूरी तरह लॉक कर दिया है। बेरोजगार युवक विकास झा कहते हैं कि सरकार को बेरोजगारों का ध्यान रखते हुए अविलंब बेरोजगारी भत्ता प्रदान करना चाहिए।

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