स्कूलों में केंद्र बना कर बच्चों को दिया जा रहा जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका

संवाद सूत्र छातापुर(सुपौल) राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जापानी इंसेफ्लाइटिस (चमकी बुखार) से बचाव ह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Dec 2020 12:03 AM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 12:03 AM (IST)
स्कूलों में केंद्र बना कर बच्चों को दिया जा रहा जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका
स्कूलों में केंद्र बना कर बच्चों को दिया जा रहा जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका

संवाद सूत्र, छातापुर(सुपौल): राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जापानी इंसेफ्लाइटिस (चमकी बुखार) से बचाव हेतु बच्चों को प्रतिरक्षण टीका दिया जा रहा है। इस हेतु विशेष टीकाकरण अभियान की भी शुरुआत की गई है। जिसके तहत विभिन्न स्कूलों में टीकाकरण केंद्र बनाकर बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। प्रखंड के भीमपुर पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला में शनिवार को आहूत टीकाकरण अभियान के तहत 125 से अधिक बच्चों को प्रतिरक्षण टीका लगाया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता नीलम कुमारी के अलावा विद्यालय प्रधान प्रकाश कुमार प्रवीण, शिवकुमार साह, कुमारी अन्नू साह, आशीष कुमार, प्रकाश कुमार समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। एएनएम नीलम कुमारी ने बताया कि इस अभियान में एक साल से 15 साल तक के सभी बच्चों को प्रतिरक्षण टीका दिया जाएगा। छह साल से नीचे के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीका दिया गया है। वहीं स्कूलों में आने वाले 6 से 15 साल तक के सभी बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। बताया कि जीवछपुर संकुल के सभी प्राथमिक विद्यालयों में शनिवार को टीकाकरण किया गया। इस टीकाकरण अभियान में एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्कूल के शिक्षक अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह एक प्रकार का वायरल इंसेफ्लाइटिस फीवर (मस्तिष्क ज्वर) है। इस वायरस को क्यूलेसक्स मच्छर की प्रजातियां इंसानों में फैलाती हैं। संक्रमित मच्छर के काटने से यह बीमारी मलेरिया की तरह फैलती है। मुख्य तौर पर यह बीमारी एक साल से 15 साल तक की उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। समय से टीकाकरण, साफ-सफाई एवं गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना ही इस बीमारी के महत्वपूर्ण बचाव है। मच्छरों से बचाव, घरों के आसपास पानी न जमा होने देना, बच्चों को ता•ा, बेहतर व संतुलित खान-पान देना चाहिए। बच्चों में यह रोग ज्यादा दिखने को मिलता है। ऐसे में बच्चों को शरीर ढक कर पूरे कपड़े ही पहनाए जाने चाहिए।

chat bot
आपका साथी