घर में ही ईद की नमाज पढ़ने की सलाह
संवाद सहयोगी वीरपुर (सुपौल) ईद में भी कोरोना के गाइडलाइन का पालन करना हम सबका कर्तव्य
संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल): ईद में भी कोरोना के गाइडलाइन का पालन करना हम सबका कर्तव्य बनता है। सभी लोग पहले अपनी जान को बचाएं। चूंकि जान है तो जहान है। सभी लोग ईद की नमाज को इस साल ईदगाह में नहीं पढ़ अपने अपने घरों में ही पढ़ें। उक्त बातें सामाजिक कार्यकर्ता फैयाज आलम ने लोगों से अपील करते कही। वे लोगों से संपर्क कर इस तरह जागरूकता फैला रहे हैं। कहा कि रमजान के इस पाक महीने में हमलोग तीस दिनों तक रोजा रखते हैं। पहले दस दिनों का रोजा रहमत का आसरा यानी ऊपर वाले की कृपा का भाग माना जाता है। दूसरा ग्यारह से बीस दिन का रोजा को मगफिरत यानी मांफी का आसरा होता है। तीसरा इक्कीस से तीस दिन का रोजा जहन्नम यानी नरक से आजादी का भाग होता है। रोजेदार इसी यकीन के सहारे तीस दिनों का रोजा रखते हैं। साथ ही इस माह में लोग गरीबों की मदद दिल खोल कर करते हैं। फितरा की राशि प्रत्येक लोग गरीबों को दान स्वरूप देते हैं। काफी मशक्कत के साथ लोग अच्छे जीवन की कामना के लिए रोजा रखते है और अंत में ईद मनाते हैं। इसलिए ईद की नमाज को अपने घरों में ही अदा कर कोविड 19 के संक्रमण से बच कर अपने जीवन की रक्षा करें।