चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था से मरीज बेहाल, ड्रेसर के भरोसे हो रहा इलाज

--करजाईन बाजार स्थित स्वास्थ्य केंद्र है जीता जागता उदाहरण संवाद सूत्र करजाईन बाजार (सुपौ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:59 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:59 PM (IST)
चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था से मरीज बेहाल, ड्रेसर के भरोसे हो रहा इलाज
चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था से मरीज बेहाल, ड्रेसर के भरोसे हो रहा इलाज

--करजाईन बाजार स्थित स्वास्थ्य केंद्र है जीता जागता उदाहरण

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल): स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए लंबी-चौड़ी बातें जरूर सुनने को मिलती है। लेकिन चरमराई स्वास्थ्य सेवा के कारण स्वास्थ्य केंद्र बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है। करजाईन बाजार स्थित स्वास्थ्य केंद्र इसका जीता जागता उदाहरण है। जिसकी बदहाली के कारण इस क्षेत्र के लोगों को निजी क्लिनिकों पर निर्भर रहने को विवश होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जब अस्पताल खुद ही बीमार है तो यहां लोगों का इलाज कैसे संभव हो पाएगा। डिजिटल इंडिया, स्कील इंडिया, स्मार्ट इंडिया, हेल्थ ़फॉर ऑल, आयुष्मान भारत जैसी विभिन्न योजनाओं के बीच लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवा तक उपलब्ध नहीं होना जनता के रहनुमाओं को आईना दिखाने के लिए काफी है। लापरवाह व हांफती स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते मजबूरी में लोग निजी क्लिनिक व निजी चिकित्सक के शरण में जाने को मजबूर हैं। जहां गरीबों के शोषण में कोई परहेज नहीं किया जाता है। आज के इस दौर में कोरोना संक्रमण के कारण जहां स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त दुरुस्त करने का सरकार दंभ भर रही है वहीं सरकार की स्वास्थ्य सेवा को मुंह चिढ़ा रही है।

करजाईन बा•ार स्थित स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से स्थायी चिकित्सक नहीं हैं। चिकित्सक के नियमित नहीं रहने के चलते ड्रेसर के भरोसे ही मरीजों का इलाज हो रहा है। कभी इस स्वास्थ्य केंद्र की भी हस्ती थी। सुबह से शाम तक मरीजों का आना-जाना लगा रहता था। चिकित्सक से लेकर नर्स तक की व्यवस्था हर समय उपलब्ध रहती थी। लेकिन बेरहम व्यवस्था ने ऐसा डंक मारा कि अब खुद अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है। कभी इस अस्पताल में करजाईन तथा आसपास के पंचायत तक के लोग इलाज करवाने आते थे। लेकिन आज लापरवाह व सुस्त व्यवस्था के चलते लोगों को निजी चिकित्सक व निजी अस्पताल के शरण में जाना पड़ रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण

स्थानीय लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को सिमराही, भीमनगर एवं वीरपुर ले जाने को मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में मरीजों के साथ अनहोनी भी हो जाती है। इतनी घनी आबादी रहने के बावजूद यहां ढंग की स्वास्थ्य सुविधा तक नहीं है जो शर्मनाक बात है। करजाईन स्वास्थ्य केंद्र में ढंग की स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। लंबे समय से नियमित रूप से चिकित्सक नहीं उपलब्ध हैं। भवन भी खस्ताहाल हो चुका है।

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