सुपौल में घट रहीं सरकारी नावें, बढ़ रही लोगों की परेशानी

कोसी नदी के तटबंध के अंदर बसी हजारों की आबादी को बाढ़ अवधि के दौरान सिर्फ नाव का ही सहारा रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:56 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:56 PM (IST)
सुपौल में घट रहीं सरकारी नावें, बढ़ रही लोगों की परेशानी
सुपौल में घट रहीं सरकारी नावें, बढ़ रही लोगों की परेशानी

सुपौल। कोसी नदी के तटबंध के अंदर बसी हजारों की आबादी को बाढ़ अवधि के दौरान सिर्फ नाव का ही सहारा रहता है। लोगों को एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे पर जाने के लिए भी नाव से ही जाना पड़ता है। इसे देखते हुए प्रशासनिक स्तर से भी नाव बहाल की जाती है, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था पर गौर करें तो प्रतिवर्ष नावों की संख्या घटती जा रही है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नाव की कमी के कारण लोग केले के थंब से नाव तैयार कर भी अपने दैनिक कार्यों का संपादन करते हैं।

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पांच पंचायतें पूर्ण प्रभावित

गौरतलब है कि प्रखंड की 16 पंचायतों में से परसामाधो, बौराहा, दुबियाही, नौआबाखर, मौजहा पूर्ण व शिवपुरी, किशनपुर उत्तर-दक्षिण व कदमपुरा-कटहारा आंशिक रूप से प्रभावित हैं। इन पंचायत के लोगों का काम बिना नाव के नहीं चल सकता है। कुछ लोगों की अपनी नावें भी हैं लेकिन अधिकांश लोग सरकारी नाव के भरोसे रहते हैं।

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50 नावों की हुई है बहाली

सरकारी आंकड़े के अनुसार इस वर्ष अभी तक मात्र 50 नाव ही बहाल की गई है। 45 नावें अनुबंध पर हैं जबकि पांच नाव सरकारी है। 2019-2020 में 70 बहाल की गई थी जिसमें 52 नावें अनुबंध पर थी और 18 सरकारी नाव थी। 2018-2019 में 76 नाव में 26 सरकारी नाव थी शेष 50 नावें सरकार द्वारा अनुबंध पर ली गई थी। पूर्व में जब आबादी कम थी तो नावों की संख्या अधिक रहती थी अब जब इन स्थानों की आबादी बढ़ गई है तो नावों के घटाए जाने से लोगों की परेशानी स्वभाविक है।

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कहते हैं मुखियाजी बौराहा के मुखिया उदय कुमार चौधरी ने बताया कि पंचायत की आबादी 30 हजार के आसपास है। यहां मात्र छह नाव सरकार के द्वारा बहाल की गई है, जबकि पंचायत में और छह नाव की आवश्यकता है। परसामाधो के मुखिया रंजय कुमार ने बताया कि 16 हजार की आबादी में मात्र दस नावें हैं जबकि पांच नाव और चाहिए। नौआबाखर के मुखिया रामप्रसाद साह ने बताया कि पंचायत में 14 हजार की आबादी है, लेकिन 13 नाव बहाल की गई है। तीन नाव और चाहिए। मौजहा के मुखिया जगरनाथ महतो बताते हैं कि पंचायत की 6 हजार की आबादी के लिए दस नाव बहाल है, और पांच नाव की आवश्यकता है। दुबियाही के मुखिया शिवशंकर कुमार ने बताया कि पंचायत के 8 हजार लोग प्रभावित हैं, यहां 12 नाव बहाल की गई है जबकि चार और नाव का आवश्यकता है। इसी प्रकार अन्य पंचायतों में भी आवश्यकता अनुसार नाव नहीं है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

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बोले सीओ

सीओ संध्या कुमारी ने बताया कि अभी तक 50 नाव बहाल की गई है। आवश्यकता पड़ने पर और नावें बहाल की जाएगी।

------------------------------------- क्या कहते है नाव मालिक

नाव मालिक सुधीर कुमार, बिनोद कुमार, संजय कुमार आदि ने बताया कि हमलोग कई वर्षों से अपनी नावें सरकार को देते हैं लेकिन नाविक व नाव की राशि का समय से भुगतान नहीं मिलने के कारण अब नाव अपने काम के लिए ही रखते हैं।

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