सुपौल में वन विभाग लगाएगा दस लाख पौधे, छाएगी हरियाली

कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के साथ अब एक बार फिर से बेपटरी हुई व्यवस्था संभलने लगी है। अन्य योजनाओं के साथ-साथ सरकार की ड्रीम योजना में शामिल जल-जीवन-हरियाली योजनाओं में भी तेजी आने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:40 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 06:40 PM (IST)
सुपौल में वन विभाग लगाएगा दस लाख पौधे, छाएगी हरियाली
सुपौल में वन विभाग लगाएगा दस लाख पौधे, छाएगी हरियाली

सुपौल। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के साथ अब एक बार फिर से बेपटरी हुई व्यवस्था संभलने लगी है। अन्य योजनाओं के साथ-साथ सरकार की ड्रीम योजना में शामिल जल-जीवन-हरियाली योजनाओं में भी तेजी आने लगी है। सरकार की इस योजना ने लोगों का रुझान पेड़-पौधे की ओर बढ़ाया है। परिणाम है कि जिले में हाल के दिनों में इसकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। एक बार फिर वन विभाग ने जिले में एक बड़ा अभियान का आगाज कर दिया है। मिशन दस लाख पौधारोपण का है। हालांकि इस वर्ष का लक्ष्य अब तक जिले को दिए गए लक्ष्य से बड़ा है। बावजूद अधिकारी व कर्मियों का हौसला परवान पर है। विभाग ने 10 लाख के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मास्टर प्लान भी बना लिया है। प्लान के तहत प्राप्त लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न विभागों के बीच लक्ष्य को आवंटित कर प्रखंड स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इधर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधारोपण का अभियान का आगाज किया जा चुका है ।लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी पहले से ही की जा रही थी। जिला वन पदाधिकारी सुनील कुमार शरण के अनुसार इस वर्ष जिले को दस लाख पौधे लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। प्राप्त लक्ष्य को विभिन्न विभागों में उप आवंटित का कार्य कर लिया गया है। जिसमें वन विभाग को एक लाख मनरेगा से, चार लाख कृषि वानिकी से, दो लाख एसएसबी को, 50 हजार एनएच को एक लाख दस हजार जीविका को, शेष लक्ष्य को एनजीओ व अन्य विभागों में बांट दिया गया है। अब जबकि जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है तो इधर पौधारोपण में तेजी लाने को कहा गया है ताकि समय से लक्ष्य की प्राप्ति हो।

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बढ़ाई गई है नर्सरी

जिले में सरकारी नर्सरी की संख्या में इस वर्ष बढ़ोतरी की गई है। जहां पिछले वर्ष नर्सरी की संख्या 10 थी वहीं इस वर्ष से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। इन सभी नर्सरी में लगभग 13 लाख के करीब पौधे लगे हुए हैं। इमारती व फलदार दोनों किस्मों के पौधे मौजूद हैं। वन पदाधिकारी ने बताया कि फिलहाल पौधे की कोई कमी नहीं है ।पौधे मामले में जिला लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है। इससे पूर्व नर्सरी कम होने के कारण अन्य जगहों से पौधे मंगाने पड़ते थे। लेकिन अब वैसी बात नहीं है खासकर कृषि वानिकी योजना से निजी जमीन में पौधारोपण किया जाएगा। जिसके तहत एक छोटी सी प्रक्रिया उपरांत जमीन मालिकों को दस रुपये प्रति पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। 3 वर्ष तक पौधे जिदा रहने पर प्रति पौधा 60 रुपये की दर से उन्हें वापस किया जाएगा। इसके अलावा मनरेगा योजना के तहत भी निजी स्तर पर पौधा लगाने का प्रावधान किया गया है। इस बार खास बात यह है कि 200 पौधा लगाने पर मनरेगा के तहत उनके खेत की घेराबंदी भी की जाएगी। साथ ही पौधे की देखरेख के लिए बहाल वन पोषक को दी जाने वाली राशि खेत के मालिकों को मिलेगी।

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