सुपौल में प्रमंडल स्तरीय बैठक में खाद विक्रेताओं ने किया विचार-विमर्श

कोसी प्रमंडल के सुपौल सहरसा और मधेपुरा के प्रमुख उर्वरक थोक विक्रेताओं ने उर्वरक व्यापार और व्यापारियों की समस्याओं के संदर्भ में बैठक आहूत की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:47 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:47 PM (IST)
सुपौल में प्रमंडल स्तरीय बैठक में खाद विक्रेताओं ने किया विचार-विमर्श
सुपौल में प्रमंडल स्तरीय बैठक में खाद विक्रेताओं ने किया विचार-विमर्श

सुपौल। कोसी प्रमंडल के सुपौल, सहरसा और मधेपुरा के प्रमुख उर्वरक थोक विक्रेताओं ने उर्वरक व्यापार और व्यापारियों की समस्याओं के संदर्भ में बैठक आहूत की। कोसी प्रमंडल के प्रमुख उर्वरक थोक विक्रेताओं ने विभागीय आदेश में किसी भी प्रकार की अनियमितता के लिए सिर्फ उर्वरक विक्रेता को दोषी मानते हुए कार्यवाही और प्राथमिकी करने का फरमान का सामूहिक विरोध किया है। कोसी उर्वरक संघ के अध्यक्ष पवन जायसवाल ने बताया कि उर्वरक व्यापार में अनियमितता कंपनी के स्तर से होती है और बलि का बकरा उर्वरक बिक्रेता को बनाया जाता है। सुपौल जिले के थोक विक्रेता विकास आनंद और मन्टू अग्रवाल ने बताया कि यूरिया की प्रत्येक बोरा पर थोक और खुदरा विक्रेता का मार्जिन सिर्फ 15/- प्रति बोरा का है, जबकि रेक बिन्दु से सुपौल जिला के विभिन्न बिक्री केन्द्र का किराया 25 से 40 रुपये प्रति बोरा का है और लेबर खर्च करीब 5 रुपये प्रति बोरा का लगता है। ऐसे में तो यूरिया खाद की खरीदारी ही एमआरपी से ज्यादा हो जाती है। इसके अलावे थोक और खुदरा विक्रेता का डीलर मार्जिन, बैंक ब्याज, टैक्स खर्च, दुकान/गोदाम किराया, स्टाफ/मुंसी का वेतन और विभिन्न अनेक प्रकार का खर्च है जो कि खाद व्यापार के भरोसे है। सहरसा के थोक उर्वरक विक्रेता हरेश चौधरी, अशोक खां, सुरेन्द्र फतेहपुरिया और हीरा पंजियार ने बताया कि थोक सहित खुदरा उर्वरक बिक्रेताओं में प्रतिस्पर्धा भी इतनी है कि बैंक ब्याज से भी कम दर पर खाद बिक्री किया जा रहा है। इसके साथ ही ऑफ सीजन में कंपनियों द्वारा खाद पूरा आवंटित मात्रा उठाव हेतु बाध्य किया जाता है और सीजन के समय खाद के साथ टैग करके अन्य उत्पादों को उठाव के लिए बाध्य किया जाता है जो कि किसानों में मांग नहीं है और अंतत: विक्रेताओं द्वारा अन्य उत्पादों को आधे अधूरे भाव में बिक्री कर खाद के रेट से मनाही करने की कोशिश की जाती हैं। बैठक में मधेपुरा जिला के थोक विक्रेता दिलीप खंडेवाल, ललित पंसारी, मनीष अग्रवाल आदि मौजूद थे।

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