किसानों की हालत पर तरस खाए सरकार, मुआवजे की मांग
सुपौल। कोरोना की मार से बेहाल किसानों को मकई की फसल ने तो पहले ही कमर तोड़ रखी थी
सुपौल। कोरोना की मार से बेहाल किसानों को मकई की फसल ने तो पहले ही कमर तोड़ रखी थी, रही सही कसर धान ने पूरी कर दी। इस बार धान की हालत देखकर किसानों के आंखें छलक रही है। जिला किसान संघ के सचिव सत्यनारायण सहनोगिया ने किसानों की हालत का जायजा लेने के बाद सरकार से अविलंब पैक्स के माध्यम से क्रय केंद्र शुरू करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि बसंतपुर और राघोपुर प्रखंड के पंचायतों का दौरा करने के बाद धान की हालत देखी नहीं जा रही है। कीट के प्रकोप ने धान को बर्बाद कर दिया है। इस बार किसानों के धान उत्पादन में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आई है। ऊपर से धान का बाजार भाव नौ सौ से हजार रूपये है। इसमें तो किसानों का लागत भी नहीं ऊपर होगा उन्होंने बताया कि कीट के मार से बेहाल किसान औने-पौने दामों में धान बेचकर रबी फसल के बौनी में लग गए हैं। अगर जल्द क्रय केंद्र खोलकर 24 घंटे के अंदर भुगतान की व्यवस्था नहीं होगी तो किसान आत्म हत्या को मजबूर हो जाएंगे। क्षेत्र के किसानों को धान की फसल में लगे कीट ने बर्बाद कर दिया है। वहीं क्षेत्र के किसान प्रशांत कुमार, रामलखन भारती, प्रो. शिवनंदन यादव, ज्योति कुमार झा लब्लू, महानंद झा, दुखमोचन पाठक, शिवदत्त मेहता, ओमप्रकाश मेहता, कपिलेश्वर मरीक, रामानंद राम आदि ने भी सरकार से अविलंब पैक्स के माध्यम से खरीद शुरू करने एवं प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।