तैयारी में जुटा विभाग, जल्द तय हो जाएगी जवाबदेही

सुपौल। सहकारिता विभाग ने जिले में खरीफ फसल 2020 21 में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित कर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 05:30 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 05:30 PM (IST)
तैयारी में जुटा विभाग, जल्द तय हो जाएगी जवाबदेही
तैयारी में जुटा विभाग, जल्द तय हो जाएगी जवाबदेही

सुपौल। सहकारिता विभाग ने जिले में खरीफ फसल 2020 21 में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। इसके लिए सरकार ने सोमवार से ही धान खरीद की तिथि भी तय कर दी है। 23 नवंबर से 31 मार्च 2021 तक पैक्स व व्यापार मंडलों द्वारा एक लाख एमटी धान की खरीद करने का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले वर्ष भी जिले को इतना ही लक्ष्य दिया गया था। इधर सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य संबंधित आदेश पत्र प्राप्त होते ही विभाग तैयारी में जुट चुका है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल जिला टास्क फोर्स की बैठक के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किन पैक्स व व्यापार मंडलों के माध्यम से धान की खरीद की जाएगी।

धान की कीमत में 53 रुपये का किया गया इजाफा सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति को लेकर जो अधिसूचना जारी की गई है उसके मुताबिक अधिप्राप्ति के लक्ष्य को तो यथावत रखा गया है परंतु कीमत में 53 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है। गत वर्ष जहां धान की कीमत 1815 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित की गई थी वहीं इस बार इसे बढ़ाकर 1868 रुपये प्रति क्विटल कर दिया गया है।

धान खरीद का यह होगा प्रावधान पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से धान बेचने वाले इच्छुक किसानों को पहले अपना पंजीयन कराना होगा। पंजीकृत किसान से ही धान की अधिप्राप्ति एजेंसियों द्वारा की जाएगी। पैक्स गोदामों पर डेटाबेस से जुड़े किसान अपना धान स्वयं अपने बोरे में भरकर ले जाएंगे जहां नमी मापक यंत्र से उसकी जांच की जाएगी। धान खरीद के बाद पैक्स अध्यक्ष किसानों को प्राप्ति रसीद देंगे। उसके बाद किसानों को 1868 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चेक काट कर सीसी देने वाले बैंकों को उपलब्ध कराएंगे जहां से किसानों की खाता में उनके धान की कीमत की राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।

किसान औने-पौने दाम पर बेच रहे धान कोसी का सुपौल जिला कृषि प्रधान जिला है। यहां के लोगों की जीविका का मुख्य साधन कृषि है। जाहिर सी बात है कि सरकार से लेकर प्रशासन किसानों की बेहतरी के लिए बड़े-बड़े दावे करने से नहीं चूकते परंतु इस बड़े-बड़े दावों के बीच जिले के किसानों की स्थिति दिन-ब-दिन सुधरने के बजाय बिगड़ती ही जा रही है। यहां तक कि लोगों का मन किसानी से टूटता जा रहा है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है किसानों को उनके उत्पादन का सही मूल्य समय पर नहीं मिल पाना। जी-तोड़ मेहनत वह मौसम से लड़ने के बाद जब किसान के खलिहान अनाज लगता है तो उनके उत्पाद को कोई पूछने वाला नहीं होता। मजबूरन उन्हें अपने उत्पाद को औने-पौने दामों पर बेचने की मजबूरी होती है।

कोट किसान जल्दबाजी में अपना धान बिचौलियों के हाथों नहीं बेंचे। जिले में एक लाख एमटी धान खरीद के लक्ष्य को पाने के लिए विभाग पूरी तरह से संकल्पित है। मंगलवार को टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में चिह्नित क्रय समितियों को जल्दी से सीसी कराकर धान की अधिप्राप्ति शुरू कर दी जाएगी। -अरविद कुमार पासवान, जिला सहकारिता पदाधिकारी

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