सुपौल में कृषि कानून के विरोध में सड़क पर उतरा विपक्ष

नए कृषि कानून के विरोध व किसानों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को आहूत भारत बंद सुपौल में असरदार रहा। भारत बंद को सफल और असरदार बनाने के लिए विभिन्न विपक्षी दल के नेता व कार्यकर्ता सुबह 8 बजे ही सड़क पर उतर आए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Dec 2020 11:44 PM (IST) Updated:Tue, 08 Dec 2020 11:44 PM (IST)
सुपौल में कृषि कानून के विरोध में सड़क पर उतरा विपक्ष
सुपौल में कृषि कानून के विरोध में सड़क पर उतरा विपक्ष

सुपौल। नए कृषि कानून के विरोध व किसानों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को आहूत भारत बंद सुपौल में असरदार रहा। भारत बंद को सफल और असरदार बनाने के लिए विभिन्न विपक्षी दल के नेता व कार्यकर्ता सुबह 8 बजे ही सड़क पर उतर आए। बंद के दौरान खासकर सड़क यातायात पूरी तरह प्रभावित रही। लोहियानगर चौक स्थित रेलवे गुमटी को बंद समर्थकों ने जाम कर दिया, जिस कारण सहरसा से चल कर राघोपुर जाने वाली सवारी गाड़ी लगभग 03 घंटा 40 मिनट लोहियानगर चौक स्थित रेलवे गुमटी के समीप ही खड़ी रही।

बंद के दौरान स्थानीय बस पड़ाव से किसी भी वाहन का परिचालन संभव नहीं पाया। लोहियानगर चौक पर रेलवे गुमटी व मेला रोड को जाम कर दिए जाने के कारण दोपहिया वाहन चालकों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। बंद के समर्थन में विपक्षी दलों के नेता व कार्यकर्ताओं ने बाजार में घूम-घूम कर अपनी-अपनी दुकान बंद रखते हुए भारत बंद को समर्थन देने की अपील की। हालांकि बाजार पर बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। लोहियानगर चौक पर ही बंद समर्थकों द्वारा नुक्कड़ सभा के माध्यम से किसानों पर नए कृषि बिल थोपने पर केंद्र सरकार की खिचाई की गई। वक्ताओं द्वारा कहा गया कि केंद्र की मोदी सरकार मजदूर और किसान विरोधी है। केंद्र सरकार कारपोरोट घरानों के इशारे पर काम कर रही हे। नया कृषि बिल किसानों के लिए जंजीर की तरह है। जिसमें उलझ कर किसान बर्बादी की ही राह पर जाएंगे। वक्ताओं द्वारा कहा गया कि कई दौर की वार्ता के बावजूद सरकार और किसान के बीच सहमित नहीं बन पाई है। सरकार अपने जिद पर अड़ी हुई है। लेकिन किसान नए कृषि बिल को वापस कराए जाने को लेकर आंदोलन पर डटे हैं। किसानों का आंदोलन जायज है। सरकार को नया कृषि बिल वापस लेना ही होगा। बंद के दौरान आवश्यक सेवा जैसे एम्बुलेंस व अस्पताल जाने वाले मरीजों को सुविधा दिए जाने की बात कही गई थी। किन्तु ऐसा कुछ नहीं दिखा। अस्पताल जाने वाले मरीज को भी ऑटो से उतर कर पैदल ही अस्पताल जाना पड़ा।

वहीं, विवाह कर लौट रहे एक दूल्हे को भी गाड़ी से उतर कर बंद समर्थकों के हुजूम में शामिल होना पड़ा। बंद को सफल बनाने में पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव, राजद के जिलाध्यक्ष महेंद्र नारायण सरदार, दिनेश प्रसाद यादव, अजय कुमार अजनबी, अनोज आर्य, रामसागर पासवान, चन्द्रकला देवी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष विमल कुमार यादव, अभय तिवारी, भाकपा के सुरेश्वर सिंह, अरविद शर्मा, आम आदमी पार्टी के डॉ. आरपी रमण, जयनाथ शर्मा, उपेन्द्र प्रसाद यादव, प्रियंका कुमारी, राष्ट्रीय अमात एकता मंच के ओमप्रकाश राय, भूपेन्द्र राय, जयकांत राय, लोहिया यूथ बिग्रेड के डॉ. अमन कुमार सहित विभिन्न विपक्षी दलों के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर सक्रिय देखे गए। भारत बंद को कोसी नव निर्माण मंच का भी समर्थन रहा।

chat bot
आपका साथी