पूर्व में भी शराब कारोबारी को पकड़ने गई पुलिस पर हो चुके हैं हमले

जागरण संवाददाता सुपौल सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बाद पुलिस अथवा प्रशासनिक तंत्र जितना सक्रिय

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:53 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:53 PM (IST)
पूर्व में भी शराब कारोबारी को पकड़ने गई पुलिस पर हो चुके हैं हमले
पूर्व में भी शराब कारोबारी को पकड़ने गई पुलिस पर हो चुके हैं हमले

जागरण संवाददाता, सुपौल: सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बाद पुलिस अथवा प्रशासनिक तंत्र जितना सक्रिय हुआ कारोबारी अपनी व्यवस्था बनाते रहे। कोई दिन ऐसा नहीं बीता कि शराब की खेप कहीं न कहीं पुलिस अथवा मद्य निषेध विभाग ने जब्त नहीं किया। कारोबारी भी धराए, सलाखों के पीछे पहुंचाए गए बावजूद उनका मनोबल नहीं गिरा। यूं कहें तो यह कारोबार निरंतर चल रहा है। कारोबार की हनक इतनी कि पुलिस पर आक्रामक होने से भी बाज नहीं आते। शराबबंदी के बाद कई मामले सामने आए जहां कारोबारी अथवा उसके सगे संबंधी या फिर ग्रामीण पुलिस से उलझ गए। कुछ उदाहरण से ये बात स्पष्ट हो जा रही है। -मामला-01

-शराब की सूचना पर पहुंची पुलिस पर पथराव

राघोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गणपतगंज में विगत 30 मार्च को शराब होने की सूचना पर छापेमारी के लिए पहुंची पुलिस दल पर उपद्रवियों ने हमला बोल दिया था। इस घटना में एक ओर जहां पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। वहीं तीन पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थी। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस दल पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था। लोगों का कहना था कि जिस दुकान पर पुलिस छापेमारी के लिए पहुंची थी वह दुकानदार दो दिन पहले ही शराब के मामले में जेल से आया था। पुलिस उसे देखकर उसके साथ ज्यादती करने लगी, जिससे लोगों का गुस्सा भड़क गया और लोगों ने इसका विरोध किया।

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-मामला-02 थानाध्यक्ष पर शराब माफिया ने किया था हमला

लगभग एक वर्ष पूर्व सरायगढ़-भपटियाही के तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती पर भपटियाही पंचायत के ही गढि़या वार्ड नंबर 8 में शराब माफियाओं ने मोटरसाइकिल से हमला कर जख्मी कर दिया था। घटना के वक्त थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में पहुंचे थे और बोरे में बंद शराब को बरामद भी किया था। उसी दौरान एक शराब माफिया मोटरसाइकिल पर शराब लेकर भागने का प्रयास किया और रोकने पर उसने थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती के ऊपर मोटरसाइकिल चढ़ा दिया जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हालांकि उसके तुरंत बाद हमला करने वाला शराब माफिया पुलिस के हत्थे चढ़ गया। लेकिन थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती को काफी समय तक परेशानी झेलनी पड़ी। भपटियाही थाना से महज एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित गढि़या गांव आज भी शराब माफियाओं का बोलबाला कायम है।

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