बारिश से शहर से गांव तक हुआ जलमग्न, खेतों में पककर तैयार धान को पहुंचा नुकसान

जासं अररिया जिले में दो दिनों से हो रही बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं श्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:16 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:17 AM (IST)
बारिश से शहर से गांव तक हुआ जलमग्न, खेतों में पककर तैयार धान को पहुंचा नुकसान
बारिश से शहर से गांव तक हुआ जलमग्न, खेतों में पककर तैयार धान को पहुंचा नुकसान

जासं, अररिया: जिले में दो दिनों से हो रही बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं शहर के मुख्य सड़क व गली मुहल्लों में बारिश का पानी लग जाने से आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जगह जगह जलजमाव हो गया है। शहर के हीरा चौक से नवरत्न चौक, रहिका टोला, चांदनी चौक, बस स्टैंड पर हल्की सी भी बारिश होने पर शहर जलमग्न हो जाता है। जगह जगह पानी लग जाने से लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में भी हल्की बारिश होने पर सड़क पर कीचड़ हो जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

वहीं लगातार बारिश से सबसे बड़ा नुकसान किसानों का हुआ जहां खेतों में पककर तैयार धान की फसल खेतों में गिर गई है। जिस कारण धान की कटाई करने में विलंब होगा। जिसका असर गेहूं की बुआई पर भी पड़ेगा। अगर समय पर खेत खाली नहीं होगा तो गेहूं बोने में विलंब होगा। इस बार धान की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।संसू, पलासी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में बीते सोमवार संध्या से तेज हवा के साथ हो रही मूसलाधार बारिश से जन - जीवन अस्त - व्यस्त हो गया है। वहीं तेज हवा के साथ हो रही बारिश से खासकर धान फसल के नुकसान की बात बतायी जा रही है। जानकारी के अनुसार, पलासी प्रखंड क्षेत्र में बीते सोमवार संध्या से तेज हवा के साथ हो रही बारिश से कंपकंपी बढ़ गयी है। साथ विभिन्न ग्रामीण सड़कों पर जलजमाव व कीचड़ से आवाजाही प्रभावित हो रही है। लोग अपने - अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं ।वहीं मालद्वार गांव के कृषकों में महानंद झा, विनोद झा, कामेश्वर झा, कोढ़ैली गांव के कृत्यानंद मंडल, विद्यानंद मंडल, धर्मेन्द्र विश्वास, बकेनियां के चन्द्र मोहन यादव, धर्मगंज के विश्वजीत शाही, राजकुमार यादव, कनखुदिया के गोवर्धन यादव, भटवार के ब्रह्मानंद चौधरी आदि ने बताया कि तेज हवा के साथ हुई बारिश के कारण दाना भरे धान फसल के गिर जाने के कारण नुकसान की संभावना बढ़ गयी है। हालांकि देर से लगाये धान फसल को बारिश से फायदा होने की भी उम्मीद है। साथ ही उक्त सबों ने बताया कि पके हुए धान फसल के गिर जाने व खेतों में पानी भर जाने से नुकसान का खतरा बढ़ गया है।

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किसानों के अरमानों पर फेरा पानी

संसू सिकटी (अररिया)अचानक मौसम में बदलाव तथा असमय हुई अनावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर डाला। सोमवार से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश ने कृषि को लील लिया है। झमाझम बारिश ने लोगों को तेज धूप व उमस भरी गर्मी से राहत तो दिलाई है। लेकिन तेज हवाओं व बारिश के कारण हजारों एकड़ में लगी धान व सब्जी की फसल को जो नुकसान पहुंचा है, उससे किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खिच गई हैं। अरहर व धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। बारिश के कारण खेतो में धान की फसल गिरने से उत्पादन पर असर पड़ेगा। बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। 110 दिनों मे तैयार होने घुटराज किस्म के फसल मे 25 फीसद किसान हीं फसल काटे थे। कुछ लोग फसल काटने की तैयारी मे थे लेकिन बारिश मे सारी फसल पानी मे डूब चुकी है।

संसू रानीगंज के अनुसार क्षेत्र में लगातार हो रहे मूसलाधार बारिश व तेज हवा से किसान बेहाल हो गए हैं। धान काटने के समय सब पानी पानी हो गया। भूख पर आपदा की मार, किसान हुआ बेहाल। कर्ज लेकर फसल लगाने को मजबूर किसान का फसल बर्बाद हो गया है। रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत के किसान असमय आये बरसात से काफी परेशान हो गए। किसानों के समक्ष रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के पहुंसरा, पचिरा, हाँसा, गुणवंती, मझुआ पूरब, मझुआ पश्चिम, कलाबलुआ, भोड़हा आदि पंचायतों में आलू सहित अन्य सब्जियों की खेती भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया। धान की फसल तो रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। किसानों को धान की फसल से काफी उम्मीद जुड़ी हुई थी लेकिन प्रकृति की मार ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। एक एक किसान आलू की फसलों के लिए लाखों रुपए खर्च कर आलू लगाया लेकिन पानी जमा होने की वजह से सब कुछ बर्बाद हो गया। अब किसान सरकार पर उम्मीद लगाए हुए हैं। वहीं प्रखंड कृषि पदाधिकारी गणेश सिंह ने बताया कि वरीय अधिकारियों के निर्देशानुसार फसल क्षति का आंकलन किया जाएगा तथा सरकार के आदेशानुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।

सड़कों पर कम हुआ वाहनों का आवागमन

संसू, रेणुग्राम(अररिया) के अनुसार सोमवार एवं मंगलवार को लगातर हुई बारिश से क्षेत्र के किसानों के उपर कहर बन कर आया। वही मौसम के खराब रहने से दिन भर जन जीवन अस्त व्यस्त रहा। इसको लेकर सिमराहा,खवासपुर, तीरसकुंड आदि बाजारों में जहां इक्के दुक्के दुकानें खुली नजर आई। वहीं सड़कों पर वाहनों का प्रचलन कम देखा गया। बारिश के साथ आई तेज हवा से फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है। धान सहित सब्जी की फसल को व्यापक क्षति पहुंची है। खासकर खेत में लगी फसल के नष्ट हो जाने की संभावना काफी बढ़ गई है। क्षेत्र के तिरसकुंड बैले के किसान बासुकी झा, गंगानंद पांडे, सदानंद मंडल, अमोद ठाकुर, शंभू दास, घोड़ाघाट के किसान जगन्नाथ झा आदि ने बताया कि बारिश व तेज हवा से खेत में लगी धान की फसल हवा के झोंकें में गिर गया है। वही तैयारी के लिए खेत में कटी धान की फसल भी पानी में डूब गया है। जो खराब होने की स्थिति में है। यही हाल मानिकपुर, खवासपुर, गुरम्ही,शुभंकरपुर, आरटीमोहन,बरदहा, हल्हालिया,अम्हारा, खैरखां,सिमराहा कालोनी, पोठिया,हिगना, औराही,मिर्जापुर, कुड़वा, डोरिया, पुरंदाहा, बोकडा आदि गांवों की बनी हुई है।संसू ,कुर्साकांटा के अनुसार सोमवार की संध्या से मौसम ने इस कदर करवट ली कि आमजनों को अपने अपने घरों में रहने को मजबूर कर दिया। हवा के साथ मूसलाधार बारिश से न केवल आम जन जीवन प्रभावित को प्रभावित कर दिया वरन खेतों में लगी धान की फसल जो कि कुछ ही दिनों में कटकर तैयार होता को भी नष्ट कर दिया। बदले मौसम से सबसे अधिक क्षति किसान को हुई। धान का फसल जिसमें अधिकांश तो कटने को तैयार था। वहीं कुछ धान का फसल जिसे देर से लगाया गया था जिसमें दाना लग गया था की सबसे अधिक क्षति होने की संभावना है। मिली जानकारी अनुसार तेज हवा के कारण पहले तो धान के फसल को खेत में सुला दिया फिर मूसलाधार बारिश ने उसे पानी में डूबा दिया । मौषम का बदला मिजाज मानो किसान को तबाह करने के लिये ही आया है। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहा है । जब फसल लगाने की बारी होती है तो मौसम मिला जुलाकर खेती के अनुकूल ही होता है । लेकिन जब फसल तैयार होने की स्थिति में होता है तो मौसम अचानक ही ऐसी करवट लेता है कि किसान का खून पसीना से पाई पाई जोड़कर लगाया गया। फसल को चौपट कर देता है । जिससे किसान की माली हालत दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि सरकार द्वारा फसल क्षति को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किया जाता है या फिर फसल क्षति मुआवजा नहीं दी जाती है तो किसान के सामने भूखे रहने की नौबत आ सकती है।

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