चीख-चीखकर कह रहा बुजुर्ग- कितनी बार बोलूं, मैं मरा नहीं जिंदा हूं ...जानिए वजह

सुपौल जिले में एक बुजुर्ग बार-बार सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट रहा है और गुहार लगा रहा है कि देखो मैं जिंदा हूं मरा नहीं हूं। उसे वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 03:54 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 08:55 AM (IST)
चीख-चीखकर कह रहा बुजुर्ग- कितनी बार बोलूं, मैं मरा नहीं जिंदा हूं ...जानिए वजह
चीख-चीखकर कह रहा बुजुर्ग- कितनी बार बोलूं, मैं मरा नहीं जिंदा हूं ...जानिए वजह

सुपौल, जेएनएन। छातापुर प्रखंड के रामपुर वार्ड नं तीन के रहने वाले बेचन झा पिछले कई महीनों से बेचैन हैं। अपने जिंदा होने के प्रमाण के साथ बुजुर्ग बेचन महीनों से सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं और चीख-चीख कर कह रहे हैं कि अभी मैं जिंदा हूं, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।

बुजुर्ग बेचन झा बताते हैं कि पिछले तीन सालों में वे बीडीओ से लेकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें जिंदा नहीं माना गया है। 

बेचन झा ने मायूस होकर बताया कि उन्हें 2016 के मार्च तक वृद्धावस्था पेंशन मिला। उसके बाद पेंशन मिलना बंद हो गया। पेंशन नहीं मिलने से परेशान हो वे प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने लगे।  कार्यालय में बैठे कर्मचारी और अधिकारी कभी आधार नंबर गलत होने की बात तो कभी बैंक अकाउंट गलत होने की बात कर मामले को टालते रहे।

वे बताते हैं कि जब वे अपने ही पंचायत के सरकार भवन पहुंचे तो डाटा ऑपरेटर ने चेक कर उन्हें जानकारी दी कि आपको मृत घोषित कर दिया गया है, इसलिए आपका पेंशन बंद हो गया है।

अब बेचन झा की स्थिति है कि जिंदा रहते हुए उन्हें मरा हुआ बताया जा रहा है और उन्हें दाने के लाले पड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकारी सिस्टम में पता नहीं कब तक मैं अपने को जीवित साबित करने में सफल हो पाउंगा, अभी तो हालात ये है कि मैं एक-एक दाने का मोहताज हूं और दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हूं ।

chat bot
आपका साथी