खड़ी ट्रक से टकराया बांस लदा ट्रक, चालक जख्मी

संवाद सूत्र सरायगढ़ (सुपौल) नेशनल हाईवे पर भपटियाही थाना से करीब एक किलोमीटर पूरब गै

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 12:03 AM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 05:09 AM (IST)
खड़ी ट्रक से टकराया बांस लदा ट्रक, चालक जख्मी
खड़ी ट्रक से टकराया बांस लदा ट्रक, चालक जख्मी

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल): नेशनल हाईवे पर भपटियाही थाना से करीब एक किलोमीटर पूरब गैस सिलेंडर से लदे एक ट्रक में पीछे से बांस से लदा ट्रक ने टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में चालक ट्रक के केबिन में फंस गया, जिसे दो घंटे के प्रयास के बाद बाहर निकाला गया। गंभीर रूप से जख्मी ट्रक चालक को इलाज हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरायगढ़ भपटियाही में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना की जानकारी देते भपटियाही थानाध्यक्ष राघव शरण ने बताया कि गैस सिलेंडर से लदी ट्रक गुरुवार के सवेरे अचानक खराब हो गई। उसके खराब होते ही चालक गढि़या चौक समीप हाईवे पर उसी जगह रोक कर ठीक कर रहा था। दोपहर के करीब 1 बजे आसाम से ग्वालियर के लिए जा रहे बांस से लदा ट्रक का चालक अचानक नियंत्रण खो दिया और खड़ी ट्रक से टकरा गया। इसमें पीछे के ट्रक का केबिन क्षतिग्रस्त हो गया और उस पर सवार चालक अमरीश कुमार अंदर ही फंस गया। दुर्घटना के बाद गाड़ी का सह चालक वहां से फरार हो गया। चालक को निकालने का पूरा प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिलने पर हाइड्रा मशीन लाकर करीब 2 घंटे के प्रयास के बाद आखिरकार केविन तोड़कर उसमें फंसे चालक को बाहर निकाला जा सका। जिस समय चालक को ट्रक के केबिन से बाहर निकाला गया उस समय वह बुरी तरह जख्मी था। दुर्घटना स्थल पर मौजूद कई लोगों ने दूसरे ट्रक के चालकों द्वारा सूझबूझ का परिचय देते हुए अपने साथी चालक को बाहर निकालने के लिए धन्यवाद दिया। लोगों का कहना था कि यदि थोड़ी सी भी असावधानी होती तो केबिन के अंदर ही चालक अमरीश कुमार दम तोड़ देते। हालांकि भपटियाही थाना पुलिस ने भी केबिन में फंसे चालक को बाहर निकालने में पूरा सहयोग किया। जब तक चालक को बाहर नहीं निकाला जा सका तब तक हाईवे पर जाम लगी रही। बाद में थानाध्यक्ष ने पुलिस बल के द्वारा हाईवे से जाम को हटवाया तब जाकर परिचालन शुरू हो सका। अस्पताल के डॉ. मयंक रंजन ने बताया कि चालक यूपी के एटा का रहने वाला है। चालक के काफी देर तक ट्रक के केबिन में फंसे रहने के कारण उसके पैर में जख्म है। प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल रेफर किया जा रहा है।

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