ट्रैक्टर-बाइक की टक्कर में महिला की मौत, दो जख्मी

संवाद सूत्र जदिया (सुपौल) शनिवार की संध्या थाना क्षेत्र के जदिया अनंतपुर चौक के समीप बालू लदा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:39 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 12:39 AM (IST)
ट्रैक्टर-बाइक की टक्कर में महिला की मौत, दो जख्मी
ट्रैक्टर-बाइक की टक्कर में महिला की मौत, दो जख्मी

संवाद सूत्र, जदिया (सुपौल) : शनिवार की संध्या थाना क्षेत्र के जदिया अनंतपुर चौक के समीप बालू लदा ट्रैक्टर तथा मोटरसाइकिल के बीच हुई आमने-सामने की टक्कर में एक महिला की मौत हो गई, जबकि बाइक पर सवार युवक तथा एक बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया है। घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है बाइक सवार युवक बघेली पंचायत के चांदनी चौक निवासी मु. छोटू की 28 वर्षीय पत्नी गुन्नाज खातून एवं बच्चे के साथ जदिया बाजार किसी कार्य से आ रहे थे। इसी दौरान जदिया बाजार की ओर से तेज गति से आ रहे एक अनियंत्रित बालू लदा ट्रैक्टर के चपेट में आ जाने के कारण यह हादसा हुआ। घटना के तुरंत बाद ही घटना स्थल पर गुन्नाज की मौत हो गयी। जबकि घायल मु. छोटू तथा बच्चे को इलाज के लिए भेजा गया है। घटना के बाद स्थानीय लोगों के द्वारा सुपौल-अररिया हाइवे 327 ई को जदिया अंतपुर चौक के समीप जाम कर दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही जदिया पुलिस द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर घटना का जायजा लिया गया। समाचार प्रेषण तक जाम जारी था।

-- भूमि विवाद का बढ़ रहा केस --

संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल) : भूमि विवाद का मामला दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। सरकार की हर कोशिश भूमि विवाद को रोकने की दिशा में विफल हो रही। अधिकतर विवाद को सही पैमाइश से भी हल किया जा सकता है, परन्तु बसंतपुर अंचल अंतर्गत 14 ग्राम पंचायत एवं एक नगर पंचायत वीरपुर की जमीन की मापी के लिए एकमात्र अमीन उपलब्ध है। बसंतपुर अंचल कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 400 के आसपास मापी के आवेदन लंबित हैं। सही समय पर मापी नहीं हो पाने की स्थिति में विवाद बढ़ता जाता है और खून-खराबे तक पहुंच जाता है। प्रशासन जब सचेत होता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। बनैलीपट्टी, सातनपट्टी के कोहबरा में भूमि विवाद में हत्या की घटना घट चुकी है। विवाद को खत्म करने के लिए सही पैमाइश के लिए सरकारी स्तर से नापी पर आम लोगों का भरोसा आज भी कायम है। परन्तु अंचल में एकमात्र अमीन का विकल्प उपलब्ध होने के कारण लोगों को महीनों इंतजार करना पड़ता है तब तक स्थिति भयावह हो चुकी होती है।

सीओ विद्यानंद झा कहते हैं कि मापी के लिए प्रतिनिधि एक दर्जन आवेदन अंचल में आते हैं। सवाल है कि एक अमीन से महीने में कितनी मापी करवाई जा सकती है। वैसे हम अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं कि जो विवादित मामला है और जिसका हल मापी से निकल सकता है उसे प्राथमिकता के आधार पर मापी किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी