सिवान में धूमधाम से हुई विश्वकर्मा पूजा

जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार को भगवान विश्वकर्मा की पूजा आस्था एवं भक्तिभाव से की गई। इसको लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। विद्युत कार्यालय टेलीफोन कार्यालय हार्डवेयर दुकानों कंप्यूटर शिक्षण संस्थानों बस स्टैंड दुकान साइकिल दुकान फ्लावर मिल राइस मिल फोटो स्टेट प्रेस रेलवे आरा मशीनों आदि समेत अन्य यंत्रों की दुकानों में देर शाम तक पूजा चलती रही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:35 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:35 PM (IST)
सिवान में धूमधाम से हुई विश्वकर्मा पूजा
सिवान में धूमधाम से हुई विश्वकर्मा पूजा

सिवान । जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार को भगवान विश्वकर्मा की पूजा आस्था एवं भक्तिभाव से की गई। इसको लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। विद्युत कार्यालय, टेलीफोन कार्यालय, हार्डवेयर दुकानों, कंप्यूटर शिक्षण संस्थानों, बस स्टैंड, दुकान, साइकिल दुकान, फ्लावर मिल, राइस मिल, फोटो स्टेट, प्रेस, रेलवे, आरा मशीनों आदि समेत अन्य यंत्रों की दुकानों में देर शाम तक पूजा चलती रही। हालांकि कोरोना संक्रमण के संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर पूजा वृहत रूप में नहीं की गई, लेकिन अपनी शक्ति-साम‌र्थ्य और कारोबार के हिसाब से श्रद्धालुओं द्वारा साज-सज्जा की गयी थी। भगवान विश्वकर्मा की छोटी-बड़ी प्रतिमाओं की विधानपूर्वक पूजा अर्चना की गई। पूजन की तैयारी सुबह से ही शुरू हो गई थी। आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। कथा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। प्रतिष्ठानों के अलावा श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी साइकिल, बाइक समेत अन्य तकनीक उपकरणों की पूजा भगवान विश्वकर्मा के रूप में की। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि अश्विन मास के प्रतिपदा को विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था, लेकिन लगभग सभी मान्यताओं के अनुसार यही एक ऐसा पूजन है जो सूर्य के पारगमन के आधार पर तय होता है, इसलिए इसे प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अनेक भव्य महलों, आलीशान भवनों, हथियारों और सिघासनों का निर्माण किया। इसलिए इन्हें देवताओं का अभियंता, आदि अभियंता, मशीन का देवता और देवताओं का शिल्पकार जैसे नामों से जाना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी रही पूजा की धूम :

महाराजगंज अनुमंडल से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वकर्मा पूजा हर्षोल्लास के साथ हुई। शहर के मोहन बाजार, नखास चौक, राजेंद्र चौक से लेकर ग्रामीण इलाके में विश्वकर्मा पूजनोत्सव को लेकर माहौल भक्तिमय बना रहा। विद्युत उपकेंद्र में कनीय विद्युत अभियंता ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की। बसंतपुर मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी विश्वकर्मा पूजा मनाया गया। हसनपुरा प्रखंड क्षेत्र में शिल्प कर्म के जनक, सृष्टि निर्माता, आदि देव विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से की गयी। दरौली, रघुनाथपुर के अलावा पचरुखी, लकड़ी नबीगंज, बसंतपुर, भगवानपुर, दारौंदा, आंदर, गुठनी, मैरवा, जीरादेई, बड़हरिया, हुसैनगंज, नौतन आदि प्रखंडों में भी भगवान विश्वकर्मा की पूजा हुई।

वाहन सर्विस सेंटरों की रही चांदी :

विश्वकर्मा पूजा को ले श्रद्धालुओं द्वारा अपने-अपने वाहनों की सफाई कराने के लिए सर्विस सेंटर का सहारा लेना पड़ा। सर्विस सेंटरों पर वाहन धुलवाने वालों की लंबी कतार लग गई थी। वहां सुबह से ही देर शाम तक वाहन धुलाई का कार्य चलता रहा। दो पहिया समेत चार पहिया वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी। इसको लेकर वाहन सर्विस सेंटरों की खूब चांदी रही।

वाहनों की देखी गई कमी, यात्रियों को हुई परेशानी :

विश्वकर्मा पूजा को ले सभी व्यस्त रहे। इसको लेकर शुक्रवार को अन्य दिनों की तरह बस स्टैंडों में छोटे-बड़े वाहनों की कमी देखी गई। दूर-दराज से आने वाले लोगों को अपने गंतव्य स्थान जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

पौधारोपण कर लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प :

आंदर : प्रखंड के प्राथमिक, मध्य व उच्च सह आवासीय महाविद्यालय गुरुकुल बरवा परिसर में शुक्रवार को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर प्राचार्य विजय प्रकाश पाठक उर्फ ददन पाठक के नेतृत्व में शिष्यों व गुरुजनों ने संयुक्त रूप से पौधारोपण किया। इस दौरान गुरुकुल परिसर में रुद्राक्ष, लौंग एवं नासपाती समेत दर्जनों पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।

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