सिवान में वासंतिक नवरात्र के छठवें दिन होगी देवी कात्यायनी की पूजा

वासंतिक नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार को देवी जगदंबा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की गई। इस मौके पर अल सुबह श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही मां की आराधना की। इस दौरान या देवी सर्वभुतेषू.. के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। घरों में पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं द्वारा दुर्गा सप्तशती किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:42 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 10:42 PM (IST)
सिवान में वासंतिक नवरात्र के छठवें दिन होगी देवी कात्यायनी की पूजा
सिवान में वासंतिक नवरात्र के छठवें दिन होगी देवी कात्यायनी की पूजा

सिवान । वासंतिक नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार को देवी जगदंबा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की गई। इस मौके पर अल सुबह श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही मां की आराधना की। इस दौरान या देवी सर्वभुतेषू.. के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। घरों में पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं द्वारा दुर्गा सप्तशती किया गया। मैरवा के कविता निवासी महाकाल के उपासक नित्यानंद पांडेय ने बताया कि वासंतिक नवरात्र के छठे दिन सोमवार को मां दुर्गा की छठी शक्ति कात्यायनी के रूप में की जाएगी। इनकी इस रूप की पूजा करने से भक्त को तन, मन, धन, यश बल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि मां की पूजा के साथ कालभैरव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे मां प्रसन्न होती हैं तथा भक्तों की मन्नतें पूरी करती हैं। बताया कि मां कात्यायनी की आराधना से भय, रोगों से मुक्ति और सभी समस्याओं का समाधान होता है।

शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों को करनी चाहिए मां की उपासना :

आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि देवी ने कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया, इस कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गई हैं। शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों को माता की अवश्य उपासना करनी चाहिए। मां कात्यायनी का वाहन सिंह है और इनकी चार भुजाएं हैं। मां कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनना चाहिए और मां को शहद चढ़ाना चाहिए। इस दिन दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करना चाहिए। पुष्प और जायफल देवी को अर्पित करना चाहिए। मां के साथ भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए। पुराणों में बताया गया है कि देवी की पूजा से गृहस्थों और विवाह योग्य लोगों के लिए बहुत शुभफलदायी है।

इस मंत्र से करें जाप :

चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहना,कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनि।।

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