दूसरे दिन भी बारिश से शहर में जलजमाव

जिले के लोग अब मानसून का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। लगातार दूसरे दिन बारिश होने से जहां मौसम खुशनुमा बना रहा वहीं मुख्य सड़क पर जलजमाव से लोगों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Jun 2020 05:32 PM (IST) Updated:Fri, 19 Jun 2020 05:32 PM (IST)
दूसरे दिन भी बारिश से शहर में जलजमाव
दूसरे दिन भी बारिश से शहर में जलजमाव

सिवान । जिले के लोग अब मानसून का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। लगातार दूसरे दिन बारिश होने से जहां मौसम खुशनुमा बना रहा वहीं मुख्य सड़क पर जलजमाव से लोगों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। नगर परिषद द्वारा शहरी क्षेत्र में बेहतर जल निकासी का दावा किया जा रहा है, लेकिन पहली बरसात के बाद ही यह दावा खोखला साबित हुआ। शुक्रवार को बारिश से मुख्य बाजार और मुख्य सड़कों पर जलजमाव हो गया था। अस्पताल मोड़ से लेकर बबुनिया मोड़ व बबुनिया मोड़ से लेकर पीदेवी मोड़ तक का सबसे बुरा हाल था। वहां बारिश के बाद जबरदस्त यातायात जाम की समस्या देखने को मिली। बबुनिया मोड़ से लेकर तरवारा मोड़ तक लंबा जाम लगा रहा। इससे लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जाम में फंसे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा।

कीचड़ से मोहल्लेवासियों पर आई सामत :

दो दिनों से लगातार हुई बारिश ने कई मोहल्लों की सूरत बिगाड़ दी है। शहर के मालवीय चौक से पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव के घर की तरफ जाने वाली सड़क पूरी तरह से कीचड़मय में हो गई है। इससे राहगीरों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यहां जलनिकासी की समस्या बनी हुई है। बावजूद इसके नगर परिषद द्वारा समस्या के निदान के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। वार्ड नंबर 17 निवास वशिष्ठ राय, डा. उपेंद्र कुमार आलोक, कन्हैया प्रसाद, जितेंद्र प्रसाद, वीरेंद्र किशोर तिवारी, शंकर साह, विनोद कुमार सिंहा ने बताया कि इसकी शिकायत कार्यपालक पदाधिकारी व स्थानीय पार्षद से की कई है, लेकिन इस समस्या के निदान के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है।

कचरे का उठाव नहीं होने से फैली गंदगी :

शहर में नालों की उड़ाही के बाद अधिकांश जगहों पर कचरे का उठाव नहीं होने के कारण जगह-जगह गंदगी फैल गई थी। खासकर सड़क के किनारे जलजमाव की ऐसी स्थिति कायम हो गई थी कि पैदल चलने बाले लोगों को भी बीच सड़क पर चलना पड़ रहा। पानी भरे रहने के कारण सड़क पर उभरे गड्ढे की गहराई का भी अंदाजा लोगों को नहीं मिल रहा था।

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