आंदर के पतार बाजार मे वृहत पैमाने पर होता है दूध का व्यवसाय

सिवान। जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर दक्षिणी-पश्चिमी कोण पर आंदर प्रखंड का पतार बाजार स्थित है। यह बाजार एक तरह से रघुनाथपुर- दरौली मुख्य पथ ही स्थापित है। सड़क के दोनों तरफ करीब दो किलोमीटर में दुकानें हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:43 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:43 PM (IST)
आंदर के पतार बाजार मे वृहत पैमाने पर होता है दूध का व्यवसाय
आंदर के पतार बाजार मे वृहत पैमाने पर होता है दूध का व्यवसाय

सिवान। जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर दक्षिणी-पश्चिमी कोण पर आंदर प्रखंड का पतार बाजार स्थित है। यह बाजार एक तरह से रघुनाथपुर- दरौली मुख्य पथ ही स्थापित है। सड़क के दोनों तरफ करीब दो किलोमीटर में दुकानें हैं। इस बाजार में सभी प्रकार के ब्रांडेड एवं लोकल कंपनियों के सामान, हरी सब्जी, मछली, घरेलू सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। यहां सप्ताह में दो दिन मंगलवार एवं शुक्रवार को विशेष रुप से बाजार लगता है। ग्रामीण परिक्षेत्र में होने के कारण इस बाजार में ताजा दूध आसानी से उपलब्ध हो जाता है। यहां बिहार एवं यूपी के पशुपालक दूध का व्यवसाय करने आते हैं। यूपी के मनियर गांव के सरयू नदी के किनारे बसे ग्रामीण मवेशियों का पालन कर उनके दूध की बिक्री के लिए इसी बाजार की तरफ अपना रुख करते हैं। इस कारण यहां सुबह से देर शाम तक काफी चहल-पहल रहती है। साथ ही रामजीत बाबा के मंदिर तथा बड़ा गोपाल के पेड़ा के लिए भी यह बाजार प्रसिद्ध है। इस पेड़े का स्वाद चखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। रामजीत बाबा मंदिर के नाम से है प्रसिद्ध :

बाजार को काफी संख्या में रामजीत बाबा मंदिर के नाम से भी जानते हैं। मंदिर परिसर में हर साल नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस पूजा में यूपी, बिहार समेत दर्जनों गांव के लाखों लोग शामिल होते हैं। मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को सर्प डंस ले तो उसे तुरंत इस मंदिर में लाकर पूजा अर्चना करने पर पीड़ित व्यक्ति के शरीर से जहर उतर जाता है और वह पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है। मंदिर में समय-समय पर मांगलिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। चूंकि यूपी के बार्डर से नजदीक होने के कारण यहां शादी के लिए यूपी व बलिया के विभिन्न गांवों के काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। बाजार में खलती है सुविधाओं की कमी :

विभिन्न व्यवसाय व प्रसिद्ध रामजीत बाबा का मंदिर होने के बावजूद इस बाजार में सुविधाओं की कमी खलती है। बाजार में शौचालय नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषकर महिला व वृद्धों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं शेड नहीं रहने के कारण छोटे-छोटे दुकानदार सर्दी, गर्मी एवं बरसात के मौसम में खुले आसमान में अपनी दुकानदारी करने का मजबूर होते हैं।

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