सिवान के खलवा आश्रम के समक्ष विवादित भूमि को ले दो पक्षों में तनाव

थाना क्षेत्र के खलवा गांव में नौ बीघा जमीन को ले गुरुवार को खलवा मठ के अनुयायी तथा ग्रामीण के बीच विवाद बढ़ गया है। मामला मारपीट तक पहुंचने की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। जांच के बाद सीओ और थानाध्यक्ष ने अगले आदेश तक निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक लगा दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 09:23 PM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 09:23 PM (IST)
सिवान के खलवा आश्रम के समक्ष विवादित भूमि को ले दो पक्षों में तनाव
सिवान के खलवा आश्रम के समक्ष विवादित भूमि को ले दो पक्षों में तनाव

सिवान । थाना क्षेत्र के खलवा गांव में नौ बीघा जमीन को ले गुरुवार को खलवा मठ के अनुयायी तथा ग्रामीण के बीच विवाद बढ़ गया है। मामला मारपीट तक पहुंचने की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। जांच के बाद सीओ और थानाध्यक्ष ने अगले आदेश तक निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक लगा दी।

बताया जाता है कि खलवा मठ और खलवा गांव निवासी श्रीप्रकाश राय के बीच नौ बीघा भूमि को लेकर विवाद चलता है। दोनों पक्ष दशकों पहले से करीब 9 बीघा 10 कट्ठा जमीन पर अपना अपना दावा करते रहे हैं, इसको लेकर कई बार खूनी संघर्ष हो चुका है। इसी विवादित जमीन पर गुरुवार को मठ अनुयायियों द्वारा खाता नंबर 1350 में घेराबंदी कराई जा रही थी, तभी श्रीप्रकाश राय ने इसका विरोध किया। इसको लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। विवाद बढ़ता देखे किसी ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी। सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी अतुल कुमार, थानाध्यक्ष अभिमन्यु दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच विवादित भूमि पर हो रहे निर्माण कार्य को रोक लगाते हुए दोनों पक्षों को अलग-अलग कर मामले का समझा-बुझाकर शांत कराया। अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष ने अगले आदेश तक कार्य निर्माण पर रोक लगा दी। मठ के अनुयायियों का कहना है कि उक्त भूमि मठ की है जिस पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। वहीं श्रीप्रकाश राय का कहना है कि यह भूमि मझौली राज से मेरे पूर्वजों को मिली है, जिसे लेकर न्यायालय में मामला लंबित है और इस पर मठ लोग जबरन कब्जा करना चाहते हैं। इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि निर्माण कार्य पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है तथा विवादित जमीन से ईंट-गिट्टी हटाने को कहा गया है। वहीं सीओ ने बताया कि न्यायालय के आदेश आने तक निमार्ण कार्य नहीं करने का आदेश दिया गया है। इसको लेकर गांव में कोई विवाद न हो इसको लेकर प्रशासन की नजर है।

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