सिवान में जीरो टॉलरेंस के तहत भ्रष्ट लोक सेवकों पर कार्रवाई को ले निगरानी कोषांग टीम गठित
जिला में सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर जिला में निगरानी कोषांग का पुनर्गठन किया गया है। इसके तहत प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर निरोधात्मक कार्रवाई के साथ भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ प्राप्त शिकायत पत्रों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
सिवान । जिला में सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर जिला में निगरानी कोषांग का पुनर्गठन किया गया है। इसके तहत प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर निरोधात्मक कार्रवाई के साथ भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ प्राप्त शिकायत पत्रों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के निगरानी विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर जिला में निगरानी उड़नदस्ता दल गठित किया गया था। निगरानी उड़नदस्ता दल को पुनर्जीवित करते हुए जिला में अब भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। इसके लिए जला स्तर पर निगरानी कोषांगों का पुनर्गठन किया गया है। इसके माध्यम से भ्रष्टाचार के शिकायतों पर प्रभावी एवं त्वरित कार्रवाई, अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने व भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के कारण भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने व नियंत्रण के लिए सशक्त व प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
इनसे कर सकते है शिकायत :
रमण कुमार सिन्हा, एडीएम 9473191274
विजय कुमार झा, पुलिस उपाधीक्षक 9973614615
संजीव कुमार सिंह, प्रभारी पदाधिकारी, गोपनीय शाखा 9430277000
भैरोलाल प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, बुडको 9430032759
एकरामूल हक, लिपिक, गोपनीय शाखा 7464082561
विभेश कुमार, कार्यपालक सहायक, गोपनीय शाखा 7903486331
इंदल प्रसाद, अनुसेवी, गोपनीय शाखा 9534319772
अपर समाहर्ता होंगे जिलास्तरीय निगरानी उड़नदस्ता टीम के संयोजक :
प्राप्त जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार के प्रभावी रोकथाम हेतु की जानेवाली कार्रवाइयों के तीन आयाम होंगे। दंडात्मक सतर्कता सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय निगरानी उड़नदस्ता का गठन किया गया है। गठित टीम में अपर समाहर्ता को संयोजक व पुलिस उपाधीक्षक को सदस्य नामित किया गया है। अगर शिकायतकर्ता द्वारा यह सूचना दी जाती है कि कोई सरकारी सेवक उनसे रिश्वत की मांग कर रहा है। तो शिकायत की गुप्त जांच कर उड़नदस्ता के संयोजक जिलाधिकारी से धावा दल के गठन का आदेश प्राप्त करेंगे। यह उड़नदस्ता रंगेहाथों पकड़वाने को तैयार शिकायतकर्ता से ट्रैप हेतु दिए जाने वाले नोटों की विवरण एवं सरकारी सेवक द्वारा रिश्वत लिए जाने के बाद शिकायतकर्ता द्वारा ट्रैप टीम को दिए जाने वाले गुप्त संकेतों के विवरणी समेत प्री ट्रैप मेमोरेंडम तैयार करेगा। सफल ट्रैप के बाद पोस्ट ट्रैक मेमोरेंडम समर्पित करते हुए प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
गठित कोषांग भ्रष्टाचार विषयक लिखित एवं दूरभाषीय शिकायतों को पंजी में पंजीकृत कर उसपर किए जाने वाले कार्रवाई का अनुश्रवण करेगा। यदि मामला जिलास्तरीय जांच अथवा अनुसंधान की क्षमता से परे हो, तो उस स्थिति में उक्त मामले को निगरानी विभाग, पटना को उल्लेखित करेगा।
रमण कुमार सिंहा, अपर समाहर्ता, सिवान।