खादी कपड़ों के लिए मशहूर रहा सिवान का लधी बाजार

प्रखंड का लधी बाजार सैकड़ों वर्ष पुराना बाजार है। यह बाजार जिले में प्रसिद्ध है। यहां खादी कपड़ों की अधिक बिक्री होती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:34 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:34 PM (IST)
खादी कपड़ों के लिए मशहूर रहा सिवान का लधी बाजार
खादी कपड़ों के लिए मशहूर रहा सिवान का लधी बाजार

संसू, गोरेयाकोठी (सिवान): प्रखंड का लधी बाजार सैकड़ों वर्ष पुराना बाजार है। यह बाजार जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर उत्तर-पूरब कोण, गोरेयाकोठी से सात किलोमीटर पश्चिम तथा बड़हरिया 18 किलोमीटर पूरब-दक्षिण कोण पर स्थित है। यहां सप्ताह में तीन दिन रविवार, बुधवार व शुक्रवार को बाजार लगता है। यहां दर्जनों गांवों के लोग अपनी जरूरत की सामान खरीदने आते हैं।

इस बाजार में ब्रांडेड समेत लोकल कंपनी के सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। यहां सुबह से देर शाम तक काफी चहल-पहल रहती है, लेकिन यह बाजार अपने जमाने से खादी व देशी कपड़ों के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहां बुनकर समाज के लोग कपड़े तैयार कर बेचने के लिए लाते थे। साथ ही जिले के बाहर भी कपड़े की आपूर्ति करते थे लेकिन दो दशक पूर्व तकनीकी कारणों से उनका व्यवसाय बंद हो गया है। कारीगर रोजगार की तलाश में अन्य बड़े शहरों की ओर रुख कर चुके हैं। अब स्थानीय तौर पर लोग खेती, गृहस्ती में लगे रहते हैं। अब यह बाजार में सब्जी एवं मछली के लिए विख्यात हो गया है। सुविधाओं की कमी का दंश झेलते हैं लोग :

ग्रामीणों के अनुसार लाखों रुपये का राजस्व देने के बावजूद इस बाजार में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। बाजार में जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण घर एवं दुकानों पर पानी सड़क पर बहता रहता है। इससे हमेशा नारकीय स्थिति बनी रहती है। बरसात के मौसम में तो बाजार की स्थिति और बिगड़ जाती है। वहीं इस बाजार में शौचालय नहीं होने के कारण शौच लगने पर लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। इस बाजार में सरकारी चापाकल की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को प्यास बुझाने के लिए दुकानों या किसी के घरों से पानी लेना पड़ता है। वहीं बाजार में शेड नहीं होने के कारण दुकानदार सर्दी, गर्मी व बरसात में खुले आसमान के नीचे अपनी दुकानदारी करने को विवश होते हैं। वहीं सड़क के अतिक्रमण होने से बाजार आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

chat bot
आपका साथी