सिवान में गोल्डेन कार्ड बनाने में कर्मी व सर्वर बन रहे बाधा, 1 लाख का लक्ष्य, तीन दिन में बने महज 500 कार्ड

जिले में आयुष्मान भारत व प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभुकों के बनने वाले गोल्डेन कार्ड की रफ्तार सुस्त चल रही है। सरकार की योजना जिले में एक लाख 11 हजार 308 लाभुकों की गोल्डेन कार्ड बनाने की है लेकिन शुक्रवार तक करीब पांच सौ कार्ड बनाया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 10:46 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 10:46 PM (IST)
सिवान में गोल्डेन कार्ड बनाने में कर्मी व सर्वर बन रहे बाधा, 
 1 लाख का लक्ष्य, तीन दिन में बने महज 500 कार्ड
सिवान में गोल्डेन कार्ड बनाने में कर्मी व सर्वर बन रहे बाधा, 1 लाख का लक्ष्य, तीन दिन में बने महज 500 कार्ड

सिवान । जिले में आयुष्मान भारत व प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभुकों के बनने वाले गोल्डेन कार्ड की रफ्तार सुस्त चल रही है। सरकार की योजना जिले में एक लाख 11 हजार 308 लाभुकों की गोल्डेन कार्ड बनाने की है, लेकिन शुक्रवार तक करीब पांच सौ कार्ड बनाया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्ड बनाने की रफ्तार में तेजी लाने की जरूरत है। जिले के 293 पंचायतों में 17 फरवरी यानी बुधवार से एक साथ अभियान का शुभारंभ किया गया था। इसके प्रचार प्रसार को लेकर जागरुकता रथ भी रवाना किया गया था, लेकिन विभाग के सारे खोखले प्रयास कार्ड बनाने की रफ्तार से सामने आ गए हैं। आयुष्मान भारत के जिला योजना समन्वयक राजकिशोर ने बताया कि सभी 293 पंचायतों में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने की जिम्मेदारी 276 कार्यपालक सहायकों को दी गई है, लेकिन उनकी लापरवाही और सर्वर फेल होने के कारण कार्ड बनाने की रफ्तार नहीं बढ़ रही है।

बता दें कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बनने वाले गोल्डेन कार्ड से लाभुक को हर साल 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलता है। इस कार्ड के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर मरीज देशभर में कही भी योजना से संबद्ध 24 हजार से अधिक अस्पतालों में जाकर बेहतर इलाज करवा सकते हैं। इससे पहले करीब 88 हजार लाभुकों को गोल्डेन कार्ड का लाभ दिया जा चुका है।

कॉमन सर्विस सेंटर में बन रहा कार्ड

दारौंदा मुख्यालय स्थित राय मार्केट में कॉमन सर्विस सेंटर के संचालिका अजंति राय द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड बनाने का काम हो रहा है। ताकि प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की निशुल्क, कैशलेस एवं पेपरलेस चिकित्सीय सुरक्षा उपलब्ध भारत सरकार द्वारा दिया जा सके। सीएससी की संचालिका ने बताया कि इसके साथ ही वृद्धा पेंशन के लाभार्थियों का भी ऑनलाइन का काम तेजी गति से हो रहा है। यह कार्य जिला प्रबंधक नाबिल अहमद हाशमी एवं अमन कुमार पांडेय के मार्गदर्शन कार्य किया जा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

जिले में समय से सभी लाभुकों का कार्ड बन जाए। इसको लेकर कार्यपालक सहायकों को निर्देश दिया जा रहा है। इसमें तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।

राजकुमार, जिला योजना समन्वयक, आयुष्मान भारत।

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