सिवान में दूसरे दिन हुई मां ब्रह्माचारिणी की पूजा

शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को मां दुर्गा के दूसरे रूप ब्रह्माचारिणी की पूजा हुई। इसको लेकर मंदिरों व पूजा पंडालों में पूजा के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 09:52 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 09:52 PM (IST)
सिवान में दूसरे दिन हुई मां ब्रह्माचारिणी की पूजा
सिवान में दूसरे दिन हुई मां ब्रह्माचारिणी की पूजा

सिवान । शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को मां दुर्गा के दूसरे रूप ब्रह्माचारिणी की पूजा हुई। इसको लेकर मंदिरों व पूजा पंडालों में पूजा के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।

आचार्य पंडित उमशंकर पांडेय ने बताया कि मां ब्रह्माचारिणी का दिव्य स्वरूप व्यक्ति के भीतर सात्विक वृत्तियों के अभिवर्दन को प्रेरित करता है। मां ब्रह्माचारिणी को सभी विधाओं का ज्ञाता माना गया है। मां के इस रूप की आराधना से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम जैसे गुणों वृद्धि होती है। शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने मां ब्रह्माचारिणी की पूजा अर्चना की। इससे इलाके में भक्तिपूर्ण माहौल देखने को मिल रहा है। लोगों ने फलाहार व्रत का पालन करते हुए देवी पाठ की। नवरात्र के दूसरे दिन भी नगर के महादेवा रोड़ स्थित दुर्गा मंदिर, कचहरी काली मंदिर, सुदर्शन चौक स्थित दुर्गा मंदिर, डीएवी मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर व गांधी मैदान स्थित बुढि़या माई मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में सुबह से ही देवी भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी। व्रतधारी महिलाओं ने द्वितीय अज्ञारी लगा कर नवरात्र का द्वितीय व्रत शुरू किया। जो भक्त शीतला मंदिर तक नहीं पहुंच पाए, उन्होंने घरों में ही कलश स्थापना स्थल पर अज्ञारी लगा पूजाकर व्रत शुरू किया। देवी भक्तों ने मां भगवती के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्माचारिणी की पूजा कर सुख शांति की प्रार्थना की। मैया की पूजा-अर्चना का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। घरों में महिलाओं ने समूह में देवी गीत, भजन, लांगुरिया गीत गाकर मां का गुणगान किया। वहीं दूसरी ओर बसंतपुर के लालबाबा मंदिर, भगवानपुर सारीपट्टी, बिठुना गांव स्थित बिठुन देवी, खेढ़वा माई, भिनिक भवानी मंदिर, बड़हरिया के यमुनागढ़, दारौंदा के हड़सरी देवी, मैरवा के चननियाडीह समेत रघुनाथपुर, सिसवन, लकड़ी नबीगंज, मैरवा, गुठनी चकरी, दरौली, जीरादेई आदि मंदिरों एवं पूजा पंडालों में पूजा को भीड़ देखी गई।

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