सिवान में आयुष्मान भारत योजना के 10 प्रतिशत लोगों का बना गोल्डेन कार्ड

आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने में विभाग की सुस्त रफ्तार का नतीजा है निर्धारित लक्ष्य का सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों को ही इस योजना का लाभ मिल पाया है। वहीं पिछले तीन साल में जिले के 5 हजार 200 लोगों ने गोल्डन कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज कराया है। इसमें जिले के निजी अस्पतालों सहित सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कराए गए इलाज शामिल हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 09:44 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 09:44 PM (IST)
सिवान में आयुष्मान भारत योजना के 10 प्रतिशत लोगों का बना गोल्डेन कार्ड
सिवान में आयुष्मान भारत योजना के 10 प्रतिशत लोगों का बना गोल्डेन कार्ड

सिवान । आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने में विभाग की सुस्त रफ्तार का नतीजा है निर्धारित लक्ष्य का सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों को ही इस योजना का लाभ मिल पाया है। वहीं पिछले तीन साल में जिले के 5 हजार 200 लोगों ने गोल्डन कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज कराया है। इसमें जिले के निजी अस्पतालों सहित सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कराए गए इलाज शामिल हैं। जिले में 1 लाख 23 हजार 509 लोगों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। जबकि आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में 11 लाख 18 हजार 300 लोगों का गोल्डेन कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग निर्धारित लक्ष्य से कम कार्ड बनाना और लोगों का कम इलाज कराने के पीछे आरोग्य मित्र की नियुक्ति नहीं होना बता रहा है।

बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज की सुविधा वाले अस्पतालों की सूची घर बैठे देख सकते हैं। इसके लिए किसी सीएसपी या किसी सरकारी कार्यालय के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्र सरकार द्वारा जारी एप के माध्यम से लाभार्थी घर बैठे मोबाइल व इंटरनेट के माध्यम से अस्पताल की सूची देखकर चयन कर सकेंगे। गौरतलब हो कि सदर अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आयुष्मान भारत के तहत मरीजों का इलाज होता है। इसके साथ ही छह निजी चिकित्सालयों में भी योजना के तहत निशुल्क इलाज संभव है। 23 को मनेगी तीसरी वर्षगांठ : आयुष्मान भारत की डीआइटीएम सृष्टि वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का 23 सितंबर को तीसरी वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस अवसर पर जिले के 10 ऐसे मरीजों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने करीब 50 प्रतिशत तक योजना का लाभ उठाया है। चिह्नित सभी मरीज जिले के लिए ब्रांड एंबेडस्डर के रूप में कार्य करेंगे और लोग अधिक से अधिक योजना क लाभ उठा सकें, इसके लिए जागरूक करेंगे। क्या कहते हैं जिम्मेदार : जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक कामन सर्विस सेंटर व यूटीआइआइटीएसएल डाटा आपरेटर द्वारा निशुल्क बनाया जा रहा है। जहां तक योजना के तहत कम लोगों का इलाज होने की बात है, तो इसमें सबसे बड़ा कारण आरोग्य मित्र की नियुक्ति ना होना है। दूसरी ओर जहां मरीज कम पहुंचते है, वहीं चिकित्सकों का भी सपोर्ट नहीं मिल पाता है। राज किशोर, जिला कार्यक्रम समन्वयक, आयुष्मान भारत।

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