सिवान में क्यूआर कोड से ऑनलाइन होगी मॉनिटरिग

पेपरलेस को जब से बढ़ावा दिया जा रहा है तब से उत्पाद से जुड़ी सभी तरह की जानकारी प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड के इस्तेमाल करने का प्रचलन बढ़ा है। इसी क्रम में बिहार सरकार अब इस कोड का इस्तेमाल अपनी योजनाओं की जानकारी जुटाने के लिए करने जा रही है। सरकार ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के साथ इसकी ऑनलाइन निगरानी का फैसला किया है वह भी क्यूआर कोड के माध्यम से।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 09:05 PM (IST)
सिवान में क्यूआर कोड से ऑनलाइन होगी मॉनिटरिग
सिवान में क्यूआर कोड से ऑनलाइन होगी मॉनिटरिग

सिवान । पेपरलेस को जब से बढ़ावा दिया जा रहा है, तब से उत्पाद से जुड़ी सभी तरह की जानकारी प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड के इस्तेमाल करने का प्रचलन बढ़ा है। इसी क्रम में बिहार सरकार अब इस कोड का इस्तेमाल अपनी योजनाओं की जानकारी जुटाने के लिए करने जा रही है। सरकार ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के साथ इसकी ऑनलाइन निगरानी का फैसला किया है, वह भी क्यूआर कोड के माध्यम से। विभाग द्वारा मधुमक्खी पालकों को दिए जाने वाले बॉक्स में बार कोड लगेगा, ताकि किस किसान को योजना का लाभ दिया गया है, कहां मधुमक्खी पालन किया जा रहा है, कितना अनुदान दिया गया है, तमाम जानकारियों की ऑनलाइन रिकॉर्ड आसानी से मिल जाए। सिवान के प्रभारी जिला उद्यान पदाधिकारी अभिजीत कुमार ने बताया कि बार कोड लग जाने के बाद योजना की निदेशालय स्तर से मॉनिटरिग होगी। योजना में पारदर्शिता बरतने के लिए विभाग द्वारा क्यूआर कोडिग करने की तैयारी की गई है। मधुमक्खी पालन के लिए जीविका को प्राथमिकता दी जा रही है। योजना को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। क्यूआर कोड वाले बॉक्स का वितरण इस वर्ष किया जाएगा। यह व्यवस्था पहली बार की गई है। इसको लेकर विभाग को कार्यादेश भी भेजा जा चुका है, सबकुछ ठीक रहा तो लगभग एक हफ्ते में इसकी स्वीकृति भी मिल जाएगी।

बार कोडिग से मिल सकेंगी योजना समेत अन्य प्रमुख जानकारियां :

बार कोड में योजना का नाम, वित्तीय वर्ष, लाभुक का नाम आदि जानकारियों होंगी, ताकि कभी भी और किसी भी समय योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। बता दें कि पूर्व में योजना का लाभ लेने के बाद लाभुक मधुमक्खी पालन कर रहे हैं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाती थी, लेकिन बार कोडिग वाले बॉक्स से यह जानकारी प्राप्त हो सकेगी कि लाभुक किसान योजना का लाभ लेने के बाद मधुमक्खी पालन कर रहें हैं या नहीं। अगर नहीं कर रहे हैं तो उन्हें आगे की योजना से वंचित कर दिया जाएगा।

चार हजार प्रति बॉक्स आएगी लागत :

योजना के तहत लाभुक किसानों को 75 से 90 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा। क्यू आर कोडिग वाले बॉक्स की लागत चार हजार रुपये होगी। इसमें सामान्य वर्ग के लाभुक किसानों को 75 प्रतिशत व अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ईबीसी वर्ग व महिला लाभुकों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि जिन किसानों को एक बार योजना का लाभ दिया गया है, उन्हें तीन साल तक दोबारा योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

क्या कहते हैं जिम्मेदार :

मधुमक्खी पालन खेती से जुड़े किसान या बेरोजगार लोग अपनाकर अपना व्यवसाय कर सकेंगे। खासकर छोटे जोत वाले किसानों के लिए यह योजना काफी लाभकारी साबित होगा। इस व्यवसाय को कम लागत में घर की छतों पर, मेड़ों के किनारे, तालाब के किनारे किया जा सकता है।

अभिजीत कुमार, प्रभारी जिला उद्यान पदाधिकारी, सिवान।

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